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पहले भी कई विवादों में पड़ चुके हैं पुरुषोत्तम शर्मा, एक ही मकान में पत्नी से रह रहे थे अलग-अलग

2008 में प्रिया ने पति के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए शिकायत भी की थी लेकिन मामला आइपीएस अधिकारी से जुड़ा होने की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इसके बाद पुरुषोत्तम का नाम प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप कांड में भी उछला था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 06:30 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 06:30 AM (IST)
पहले भी कई विवादों में पड़ चुके हैं पुरुषोत्तम शर्मा, एक ही मकान में पत्नी से रह रहे थे अलग-अलग
पुरुषोत्तम शर्मा अल्कापुरी स्थित घर में अलग-अलग कमरों में रह रहे थे।

भोपाल, राज्य ब्यूरो। पत्नी के साथ मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद चर्चा में आए मध्य प्रदेश के विशेष डीजी पुरुषोत्तम शर्मा का पत्नी प्रिया से विवाद कोई नया नहीं है। वर्ष 2008 से ही उनके बीच विवाद चल रहा है। 2008 में तो प्रिया ने पति के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए शिकायत भी की थी, लेकिन मामला आइपीएस अधिकारी से जुड़ा होने की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इसके बाद पुरुषोत्तम का नाम प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप कांड में भी उछला था।

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दरअसल, सितंबर 2019 में इस कांड का राजफाश हुआ था। तब तत्कालीन डीजीपी वीके सिंह ने एसटीएफ के तत्कालीन डीजी पुरुषोत्तम शर्मा को गाजियाबाद का फ्लैट खाली करने के लिए कहा था। यह फ्लैट एसटीएफ के अधिकारियों के रकने के लिए किराए से लिया गया था। ऐसी चर्चा थी कि इसमें गलत काम होते हैं। शर्मा ने फ्लैट तो खाली कर दिया था, लेकिन उन्होंने तत्कालीन डीजीपी सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। शर्मा ने बकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर सिंह पर उन्हें बदनाम करने के आरोप लगाए थे। हनी ट्रैप में नाम उछलने के बाद शर्मा का उनकी पत्नी से विवाद भी हुआ था। इसके बाद से वे अपने अल्कापुरी स्थित घर में अलग-अलग कमरों में रह रहे थे।

बातचीत भी पत्नी के नाम की है

रजिस्ट्री पुरुषोत्तम प्रिया के सामने अलग होने का प्रस्ताव भी रख चुके हैं, लेकिन प्रिया ने यह प्रस्ताव नामंजूर कर दिया था। करीब एक महीने पहले शर्मा ने प्रिया के नाम पर एक फ्लैट की रजिस्ट्री भी कराई है। मुख्यमंत्री नाराज, हो सकती है कड़ी कार्रवाई भले ही पुलिस ने निजी मामला बताकर पुरुषोत्तम शर्मा के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया हो, लेकिन सरकार का दिया नोटिस और उसके जवाब पर काफी कुछ निर्भर करेगा।

उच्च पदस्थ अफसरों ने बताया कि राज्य सरकार नोटिस का जवाब मिलने के बाद पुरुषोत्तम को निलंबित कर सकती है या 20 साल की सेवा और 50 साल की उम्र के आधार पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति भी दे सकती है। उधर, महिला आयोग ने भी पुरुषोत्तम को पांच अक्टूबर को दोपहर 12.30 बजे उपस्थित होने को कहा है।

सख्त कार्रवाई करने के पक्ष में मुख्यमंत्री

सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की राजनीति का मुख्य केंद्र हमेशा ही महिलाएं रही हैं। महिलाओं में गलत संदेश न जाए इसलिए मुख्यमंत्री ने कहा कि विधिवत जो कार्रवाई की जा सकती है, वह की जाए।

दूसरा कोई होता तो एफआइआर हो जाती

पूर्व आइपीएस अधिकारी अरण गुर्टू कहते हैं कि आइपीएस की जगह कोई दूसरा होता तो पुलिस खुद ही संज्ञान लेकर एफआइआर दर्ज कर लेती। किसी की तरफ से शिकायत आना अनिवार्य नहीं है। मारपीट या वीडियो की असलियत की जांच तो की जा सकती है।


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