पुरोहित ने एटीएस पर लगाया झूठे सुबूत देने का आरोप
पुरोहित के वकील शिवडे ने आरोप लगाया कि पुरोहित को एटीएस ने हिरासत में 29 अक्टूबर, 2008 को गैरकानूनी तरीके से प्रताडि़त किया।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। मालेगांव विस्फोट कांड के आरोपी पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित ने बांबे हाई कोर्ट में आरोप लगाया है कि एटीएस ने उनके खिलाफ झूठे सुबूत पेश किए हैं। सत्र न्यायालय द्वारा जमानत अर्जी खारिज किए जाने के खिलाफ पुरोहित की याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
पुरोहित के वकील श्रीकांत शिवडे ने न्यायमूर्ति आरवी मोरे व शालिनी फंसालकर की पीठ से कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) भी महाराष्ट्र एटीएस की जांच से असहमति जता चुकी है। शिवडे ने आरोप लगाया कि पुरोहित को एटीएस ने हिरासत में 29 अक्टूबर, 2008 को गैरकानूनी तरीके से प्रताडि़त किया। 3 नवंबर, 2008 को एक कमरे में आरडीएक्स रखकर कहा गया कि इस कमरे की सूचना उन्हें पुरोहित ने दी।
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शिवडे के अनुसार एनआइए की जांच में कई गवाहों ने स्वीकार किया है कि एटीएस ने उन्हें गलत बयान देने के लिए मजबूर किया। अब इन गवाहों के दो-दो बयान मौजूद हैं, एक एनआइए को दिए हुए, दूसरे एटीएस को दिए हुए। मामले की सुनवाई के दौरान ये सारे बयान देखे जाएं। इस समय पुरोहित को हिरासत में रखा जाना जरूरी नहीं है।
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वकील ने कहा कि एटीएस निर्दोषों को फंसाने के लिए बदनाम रही है। यहां तक कि इस मामले में सीबीआइ ने एटीएस के कुछ अधिकारियों के खिलाफ गवाह (दिलीप पाटीदार) की गुमशुदगी के मामले में प्राथमिकी दर्ज की हुई है। हाई कोर्ट में गुरुवार को भी मामले की सुनवाई जारी रहेगी।