अब भगोड़े कर्जदारों के पीछे जासूस लगाएगा पीएनबी
पीएनबी ने अपने भगोड़े कर्जदाताओं को पकड़ने के लिए जासूसों की मदद लेने का फैसला किया है। इसके लिए पीएनबी ने सक्षम संस्थाओं से आवेदन मंगाए हैं।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। बैंकिंग सेक्टर के सबसे बड़े घोटाले की जद में आया पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) अब अपने 'ढूंढे नहीं मिल रहे' कर्जदारों के पीछे जासूस लगाएगा। बैंक ने कहा है कि उसने काबू से बाहर होते जा रहे फंसे कर्ज (एनपीए) की रिकवरी के लिए चौतरफा प्रयास शुरू किए हैं। इसी के तहत बैंक ने निजी जासूसों की मदद लेने का फैसला किया है। इसके लिए पीएनबी ने सक्षम संस्थाओं से आवेदन मंगाए हैं।
अभिरुचि आवेदन में पीएनबी ने कहा है कि उसे ऐसी सक्षम निजी जासूसी संस्थाओं की तलाश है, जो फंसे कर्जों की रिकवरी के लिए फील्ड ऑफिसर्स के प्रयासों को उल्लेखनीय मदद कर सकें। इसके लिए सभी इच्छुक निजी कंपनियों को पांच मई तक आवेदन पत्र जमा करने को कहा है। बैंक के मुताबिक पिछले वर्ष दिसंबर के अंत तक ही उसका एनपीए 57,519 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका था।
हीरा कारोबारी नीरव मोदी द्वारा अपने रिश्तेदार और गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चोकसी के साथ मिलकर बैंक में किया 13,000 करोड़ रुपये का घोटाला इस वर्ष सामने आया है। बैंक ने कहा कि वह सब-स्टैंडर्ड, संदिग्ध और डूब चुके समेत सभी कैटेगरी के फंसे कर्जों की सूची चुनी गई डिटेक्टिव कंपनियों के साथ साझा करेगा। कंपनियों को कर्जदार, सह-कर्जदार, गारंटर तथा उनके कानूनी वारिसों की तलाश करने को कहा जाएगा। बैंक के मुताबिक ये लोग चाहें देश में ही कहीं छिपे हों या विदेश भाग गए हों, डिटेक्टिव कंपनियों का काम दो महीने के भीतर उनके मौजूदा पता-ठिकाने, उनका कारोबार और मौजूदा स्थिति के बारे में सभी जानकारियां इकट्ठा कर बैंक को देना होगा। विशेष परिस्थिति में कंपनियों को दिया गया वक्त एक महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है।