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पुणे जिले में सबसे अधिक उम्र की महिला बनी सरपंच

पुणे के एक गांव में 94 वर्षीय महिला को निर्विरोध तौर पर सरपंच चुना गया।

By Monika minalEdited By: Published: Thu, 08 Sep 2016 12:57 PM (IST)Updated: Thu, 08 Sep 2016 02:51 PM (IST)
पुणे जिले में सबसे अधिक उम्र की महिला बनी सरपंच

पुणे। मंगलवार को 94 वर्षीय गंगूबाई निवरुत्ती भामबुरे को निर्विरोध तौर पर पुणे जिले के खेड तालुक स्थित भामबुरवाडी गांव का सरपंच चुना गया। पुणे जिले में सबसे अधिक उम्र की सरपंच होने का रिकार्ड तोड़ने वाली गंगूबाई को गांव के लोग आजी या आयी बुलाते हैं।

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काम के प्रति है गंभीर

कड़ी धूप में दोपहर को पूरे गांव का चक्कर लगाने वाली 94 वर्षीया गंगूबाई कहती हैं ‘ मैं उन्हें निराश नहीं करूंगी... मैं युवा की तरह चल सकती हूं और टीचर की तरह बात कर सकती हूं। मुझे न तो धूप और न ही वर्षा प्रभावित करती है।’ डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर, सौरभ राव ने कहा, ‘पुणे जिला में सबसे अधिक उम्र वाली सरपंच गंगूबाई को ग्रामीण आजी बुलाते हैं।‘ गंगूबाई ने कहा,’अब काम करने का समय है। मुझे अपने लोगों के लिए कुछ करना है अन्यथा सरपंच बनने का कोई फायदा नहीं।‘

अंग्रेजी अखबार के अनुसार, कार्यकर्ता, सरकारी अधिकारियों, विद्यार्थियेां व मीडिया की भीड़ गंगूबाई के दरवाजे पर लगी थी। उन्होंने कहा,’मुझे लोगों से बात करना अच्छा लगता है, मुझे सुनने में कोई कठिनाई और मैं हर बात को समझती हूं।‘

पहला काम है- 'किसानों की मदद'

गंगूबाई ने कहा कि उनका पहला काम सात गांवों के 250 किसानों की मदद करना है। किसानों के पास कुल 1,000 हेक्टेयर जमीन है लेकिन पानी की कमी के कारण वे हर साल करीब आठ माह तक खेती नहीं कर पाते। इन खेतों से कुछ दूरी पर एक नहर है लेकिन इन्हें एक बूंद पानी नसीब नहीं होता है।

प्रधानमंत्री तक जाने का दावा

उन्होंने आगे बताया कि वे इसके लिए पाइपलाइन की मांग को लेकर प्रधानमंत्री से मिलेंगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें इस बात का यकीन है कि प्रधानमंत्री उनकी बात पर ध्यान देंगे, इस बात के जवाब में उन्होंने कहा,’क्यों नहीं प्रधानमंत्री मेरे बेटे की तरह हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि वे इस ओर ध्यान देंगे।

अक्टूबर में 50 वोटों के अंतर से गंगूबाई को चुना गया था। हालांकि गंगूबाई कभी स्कूल नहीं गई लेकिन उनका कहना है कि वो पढ़ सकती हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वो इस काम के लिए फिट हैं तो उनका जवाब था,’मैं सुबह 5 बजे उठकर घर का सारा काम करती हूं। कभी बीमार नहीं होती और न ही कोई दवा खाती हूं।‘

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