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Survey: लॉकडाउन के बाद सार्वजनिक परिवहन का उपयोग घटेगा और निजी वाहनों का बढ़ेगा

शारीरिक दूरी के नए पैमाने (एक बस में अधिकतम 20 सवारियां) के साथ दिल्ली में 13243 अतिरिक्त बसों की आवश्यकता होगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 06:24 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 06:24 PM (IST)
Survey: लॉकडाउन के बाद सार्वजनिक परिवहन का उपयोग घटेगा और निजी वाहनों का बढ़ेगा
Survey: लॉकडाउन के बाद सार्वजनिक परिवहन का उपयोग घटेगा और निजी वाहनों का बढ़ेगा

नई दिल्ली, प्रेट्र। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) के हाल के विश्लेषण के अनुसार लॉकडाउन के बाद भी छह महीने तक सार्वजनिक परिवहन में कमी रखे जाने की उम्मीद है। साथ ही यात्रा के दौरान लोगों ने अपनी सुरक्षा सर्वोपरि रखने का सुझाव दिया है। इसके लिए निजी वाहनों का उपयोग बढ़ेगा।

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कम दूरी की यात्रा के लिए निजी कारों का उपयोग बढ़ेगा

सीएसई का यह सर्वे लॉकडाउन के बाद यात्रा के माध्यम में लोगों के अलग चुनावों को लेकर है। इस सर्वे में दिल्ली और आसपास के एनसीआर शहरों के 400 से अधिक मध्यम आय वर्ग और उच्च आय वर्ग के समूह शामिल हुए हैं। पहले नतीजों से पता चलता है कि जनता का मूड इस मुद्दे पर बदल रहा है। पर्यावरण नीतियों के थिंक टैंक का कहना है कि चूंकि सार्वजनिक परिवहन माध्यमों में कमी जारी रहने की उम्मीद है, इसलिए लोगों की कम दूरी की यात्राओं में कमी आएगी। उच्च स्तरीय सार्वजनिक क्षेत्र के परिवहनों को लेकर लोगों में सकारात्मक झुकाव होगा। लोग संपर्क-हीन यात्रा, साइकिलिंग और लंबी दूरी की गैर जरूरी यात्राओं में कमी आएगी।

लोग स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को सबसे ऊपर रखेंगे- सीएसई

सीएसई का कहना है कि लॉकडाउन के बाद लोग स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को सबसे ऊपर रखेंगे। इसके अलावा, सड़क सुरक्षा की उपलब्धता, आराम और यात्रा के खर्च और पर्यावरण की चेतना भी अहम होगी। इस विश्लेषण में यह भी पता चला कि कम दूरी की यात्रा के लिए निजी कारों का उपयोग बढ़ेगा। 36 फीसद ऐसे लोग थे जिन्होंने कहा कि उनके पास कोई निजी वाहन नहीं है।

28 फीसदी लोगों ने कहा- अपना वाहन खरीदना चाहेंगे ताकि वह सुरक्षित रह सकें

करीब 28 फीसद लोगों ने कहा कि वह निकट भविष्य अपना वाहन खरीदना चाहेंगे ताकि वह सुरक्षित रह सकें। लॉकडाउन के बाद अगले छह माह में मेट्रो में सवार होने वालों की तादाद में 37 फीसद की कमी आएगी जबकि लॉकडाउन से पहले की स्थिति में इसमें 16 फीसद की ही कमी थी। लेकिन कार और टू-व्हीलरों की शेयरिंग या पूलिंग 28 फीसद तक बढ़ जाएगी।

73 फीसदी लोगों ने कहा- लॉकडाउन के बाद सार्वजनिक परिवहनों का उपयोग करना पसंद करेंगे

सीएसई के सर्वे के अनुसार 73 फीसद लोगों ने कहा कि वह लॉकडाउन के बाद उच्च गुणवत्ता वाले सार्वजनिक क्षेत्र के परिवहनों का उपयोग करना पसंद करेंगे। 23 फीसद ने कहा कि वह सार्वजनिक क्षेत्र के परिवहनों को सस्ता और स्थाई होने के चलते अपनाएंगे। 16 फीसद लोगों ने कहा कि वह सरकारी परिवहन का इस्तेमाल ट्रैफिक से बचने के लिए करेंगे।

शारीरिक दूरी के नए पैमाने के साथ अतिरिक्त बसों की आवश्यकता होगी

दिल्ली में प्रतिदिन 741.6 लाख किलोमीटर चलने वाली 5400 हैं। शारीरिक दूरी के नए पैमाने (एक बस में अधिकतम 20 सवारियां) के साथ यह इस परिवहन की क्षमता प्रतिदिन 211.9 लाख प्रति किलोमीटर ही रह जाएगी। इसलिए शहर को 13,243 अतिरिक्त बसों की आवश्यकता होगी।


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