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पीपीएफ खाता से जुड़े कानूनों में बदलाव, जानिए- क्या है नए नियम

नौकरीपेशा लोगों के लिए खोले जाने वाले इस अकाउंट में नियोक्ता आपकी बेसि‍क सैलरी से कुछ निश्चित अमाउंट काटकर (मौजूदा समय में यह 12% है) पीएफ अकाउंट में जमा करा देता है।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 30 Oct 2017 09:46 AM (IST)Updated: Mon, 30 Oct 2017 10:11 AM (IST)
पीपीएफ खाता से जुड़े कानूनों में बदलाव, जानिए- क्या है नए नियम
पीपीएफ खाता से जुड़े कानूनों में बदलाव, जानिए- क्या है नए नियम

नई दिल्ली, जेएनएन। सरकार ने नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (एनएससी) और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) से जुड़े नियम बदल दिए हैं। नए नियमों के तहत किसी व्यक्ति को एनआरआई (अनिवासी भारतीय) का दर्जा मिलते ही उसका पीपीएफ खाता और एनएससी बंद हो जाएगा।

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यह संशोधन पीपीएफ योजना, 1968 में किया गया है। इस संबंध में जारी अधिसूचना के मुताबिक, 'पीपीएफ में खाता खोलने वाला कोई व्यक्ति अगर मैच्योरिटी अवधि से पहले एनआरआई बन जाता है, तो उसका एकाउंट तत्काल प्रभाव से बंद हो जाएगा। खाताधारक को खाता बंद होने की तारीख तक का ब्याज मिलेगा।'

क्या है पीएफ: नौकरीपेशा लोगों के लिए खोले जाने वाले इस अकाउंट में नियोक्ता आपकी बेसि‍क सैलरी से कुछ निश्चित अमाउंट काटकर (मौजूदा समय में यह 12% है) पीएफ अकाउंट में जमा करा देता है। यह रकम सरकार की ओर से तय होती है और इतना ही हिस्सा कर्माचारी के योगदान के तौर पर अकाउंट में जमा किया जाता है। नियोक्ता की ओर से जमा रकम में से 8.33 फीसद हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में जाता है। इस पर 8.65 फीसद ब्याज मिलता है। इसके लिए हर अकाउंट होल्डर को UAN नंबर जारी किया जाता है।

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