छात्रों के काउंसलिंग के लिए केरल में लांच होगा प्रोजेक्ट, हेल्पलाइन नंबर
केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के विद्यार्थियों की काउंसलिंग के लिए साइकोसोशल प्रोजेक्ट लांच करने का ऐलान किया है।
तिरुअनंतपुरम, एएनआइ। केरल में विद्यार्थियों की काउंसलिंग के लिए स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा (KK Shailaja) ने गुरुवार को एक प्रोजेक्ट लांच करने का ऐलान किया जिसमें उन्होंने फील्ड वर्क का काम आंगनवाड़ी और आशा वर्करों को सौंपने की बात कही। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, 'हम शिक्षा विभाग के साथ मिलकर विद्यार्थियों की काउंसलिंग के लिए साइकोसोशल प्रोजेक्ट (psychosocial project) लांच कर रहे हैं। आंगनवाड़ी और आशा वर्कर भी इसमें शामिल होंगे। प्रोजेक्ट के लिए फील्ड वर्क की जिम्मेवारी इनकी ही होगी। फोन पर विद्यार्थियों की काउंसलिंग की जाएगी। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 1056 होगा।'
बता दें कि भारत से एकमात्र केरल की स्वास्थ्य मंत्री का चयन संयुक्त राष्ट्र की विश्व जन सेवा दिवस पर आयोजित डिजिटल संगोष्ठी में हुआ था। के शैलजा इस वेबिनार में शामिल हुई और कोविड-19 से निपटने के ‘केरल मॉडल’ को प्रस्तुत किया। शैलजा मंगलवार को ‘अग्रिम मोर्चे पर: लोक सेवक और कोविड-19 महामारी’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में भाग लेने वाली भारत की ओर से एकमात्र सदस्य थीं। संगोष्ठी में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस
ने भी भाग लिया। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार मंत्री ने वेबिनार में कहा, 'नियामक उपायों से समाज का कमजोर और वंचित वर्ग प्रभावित नहीं हो, यह सुनिश्चित करते हुए सामाजिक सुरक्षा को मजबूत किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के एक विश्व, एक स्वास्थ्य के विचार को लागू किया गया है।’ उन्होंने कहा कि 2018 में निपाह वायरस के प्रकोप के दौरान राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने जो अनुभव हासिल किया था, उसने कोविड-19 महामारी से निपटने में मदद की। शैलजा ने वेबिनार में यह भी कहा, 'कोविड-19 महामारी सबसे पहले चीन के वुहान शहर में सामने आई, लेकिन केरल ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशों के अनुसार महामारी से निपटने की तैयारियां शुरू कर दीं।' उन्होंने कहा कि पूरे सरकारी तंत्र और निगरानी नेटवर्क को सक्रिय कर दिया गया तथा अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुरूप स्क्रीनिंग, रोग निदान और सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप के लिए मानक परिचालन प्रक्रियाओं को लागू किया गया।