एनएसजी में ब्लैक कमांडो बनने के लिए देनी होगी एक और परीक्षा
आतंकी व हाईजैकिंग साजिशों से निपटने वाले इन कमांडो को और ज्यादा चुस्त बनाने की तैयारी एनएसजी में शुरू कर दी गई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) में ब्लैक कैट कमांडो बनने का सपना संजोए जवानों को अब मनोविज्ञान की परीक्षा से गुजरना होगा। आतंकी व हाईजैकिंग साजिशों से निपटने वाले इन कमांडो को और ज्यादा चुस्त बनाने की तैयारी एनएसजी में शुरू कर दी गई है।
एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडों को दो श्रेणियों में रखा जाता है। स्पेशल एक्शन ग्रुप (एसएजी) में सेना के जवानों को शामिल किया जाता है, जबकि स्पेशल रेंजर्स ग्रुप (एसआरजी) में अर्धसैनिक बलों से एनएसजी में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले जवान शामिल होते हैं। 1984 में एनएसजी की स्थापना संसद में पारित विशेष एक्ट के जरिये की गई थी। 2008 के मुंबई हमलों के अलावा 2016 में वायु सेना के पठानकोट बेस पर हुए हमले से निपटने की जिम्मेदारी ब्लैक कैट कमांडो ने संभाली थी। हाल ही में कश्मीर में भी इनकी सेवाएं ली गई हैं।
अभी तक सेना व अर्ध सैनिक बलों के जवानों को कमांडो बनने से पहले कमांडो कनवर्जेशन कोर्स (सीसीसी) से गुजरना पड़ता है। सूत्रों का कहना है कि ब्रिटेन व जर्मनी की तर्ज पर गठित किए गए बल के जवानों को सीसीसी के दौरान मनोविज्ञान से टेस्ट से गुजरना पड़ेगा। सारी प्रक्रिया तीन माह की होगी। टेस्ट में अनुकरणीय अंक हासिल करने वाले जवान को ही एनएसजी में जगह मिलेगी। लंबे अर्से से जरूरत महसूस की जा रही थी कि कमांडो सिलेक्शन पैनल में मनोविज्ञान से जुड़े विशेषज्ञ हों। इसके लिए हाल ही में कुछ लोगों को हायर किया गया है। योग को पहले ही रोजाना के प्रशिक्षण में शामिल किया जा चुका है।