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17 दिसंबर को PSLV-C50 लॉन्‍च करेगा कम्‍युनिकेशन सैटेलाइट CMS-01: ISRO

PSLV C50 to launch communication satellite CMS 01 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से जानकारी दी गई कि श्री हरिकोटा के स्‍पेस सेंटर से कम्‍युनिकेशन सैटेलाइट सी 50 को 17 दिसंबर को लॉन्‍च किया जाना है।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 04:33 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 04:33 PM (IST)
17 दिसंबर को PSLV-C50 लॉन्‍च करेगा कम्‍युनिकेशन सैटेलाइट CMS-01: ISRO
PSLV-C50 लॉन्‍च करेगा कम्‍युनिकेशन सैटेलाइट CMS-01: ISRO

 बेंगलुरु, प्रेट्र। पोलर सैटेलाइट लॉन्‍च व्‍हिकल कम्‍युनिकेशन सैटेलाइट सी 50  (PSLV-C50) के जरिए कम्‍युनिकेशन सैटेलाइट CMS-01 को श्री हरिकोटा के सतीष धवन स्‍पेस सेंटर (SDSC) से लॉन्‍च किया जाएगा। यह जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) ने शुक्रवार को दी। स्‍पेस एजेंसी ने कहा, '17 दिसंबर को PSLV का 52वां मिशन PSLV-C50 के जरिए CMS-01 को सेकंड लॉन्‍च पैड (SLP) से लॉन्‍च किया जाएगा। मौसम की परिस्‍थितियों के अनुसार,यह लॉन्‍च स्‍थानीय समयानुसार 17 दिसंबर को 15.41 बजे किया जाएगा।' 

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PSLV-C50  PSLV का 22 उड़ान है जो  'XL' कंफिगुरेशन वाला है। ISRO ने बताया कि श्रीहरिकोटा के SDSC SHAR से लॉन्‍च हाने वाला यह 77वां लॉन्‍च व्‍हिकल मिशन होगा। ISRO ने बताया कि यह कम्‍युनिकेशन सैटेलाइट ‘एक्सटेंडेड सी बैंड’ में सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तैयार किया गया है जिसके दायरे में भारत की मुख्य भूमि, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपसमूह होंगे।

इससे पहले पिछले माह इसरो के पहले मिशन को कामयाबी मिली थी जिसमें PSLV C-49 को 10 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया गया था। इसमें भारत के नवीनतम भू-पर्यवेक्षण उपग्रह ईओएस-01 और ग्राहकों के नौ अन्य उपग्रह शामिल हैं। इन्हें प्रक्षेपण के बाद सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया गया।

पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल यानि PSLV ISRO द्वारा संचालित उन्नत प्रक्षेपण प्रणाली है। इसके जरिए भारतीय वैज्ञानिक उपग्रहों को अंतरिक्ष की कक्षा में लॉन्‍च करते हैं और इसलिए ही इसे विकसित किया गया है। PSLV को भारतीयों उपग्रहों के अलावा विदेशी उपग्रहों की लांचिंग के लिए भी उपयोग किया जाता है। यह एक चार चरण/इंजन वाला ऐसा रॉकेट है, जो ठोस तथा तरल ईंधन द्वारा वैकल्पिक रूप से छह बूस्टर मोटर्स के साथ संचालित किया जाता है और शुरूआती उड़ान के दौरान उच्च गति देने के लिए पहले चरण पर स्ट्रैप होता है। PSLV छोटे आकार के उपग्रहों को भू-स्थिर कक्षा में भी भेज सकने में सक्षम है और इसकी सहायता से अभी तक 70 से भी अधिक अंतरिक्ष यानों को विभिन्न कक्षाओं में प्रक्षेपित किया जा चुका है।


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