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Karnataka PSI Recruitment Scam: पीएसआई भर्ती घोटाले में ADGP अमृत पाल पर गिरी गाज, गिरफ्तारी के बाद हुए सस्पेंड

कर्नाटक पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले में ADGP अमृत पाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। अमृत पाल को सीआईडी ने गिरफ्तार किया था। सीएम बोम्मई ने इसको लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 08:43 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 08:43 AM (IST)
Karnataka PSI Recruitment Scam: पीएसआई भर्ती घोटाले में ADGP अमृत पाल पर गिरी गाज, गिरफ्तारी के बाद हुए सस्पेंड
पीएसआई भर्ती घोटाले में ADGP अमृत पाल पर गिरी गाज (प्रतीकात्मक तस्वीर)

बेंगलुरु, एएनआइ। कर्नाटक पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले (Karnataka PSI Recruitment Scam) में आईपीएस अधिकारी अमृत पाल पर गाज गिरी है। राज्य सरकार ने अमृत पाल को निलंबित कर दिया है। इस मामले में सीआईडी उन्हें गिरफ्तार कर चुकी है।

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रिश्वतखोरी में नपे आईएएस जे मंजूनाथ

उधर, राज्य सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए बेंगलुरु शहर के पूर्व जिला कलेक्टर जे मंजूनाथ को भी निलंबित कर दिया है। मंजूनाथ को रिश्वत लेने के आरोप में एसीबी ने गिरफ्तार किया था। मंजूनाथ को बेंगलुरु शहरी जिला कलेक्टर के पद से ट्रांसफर करने के चार दिन बाद एसीबी ने गिरफ्तार किया था। मंजूनाथ पर भूमि विवाद के निपटारे के लिए कर्मचारियों के जरिए से रिश्वत लेने का आरोप है।

सीएम बोम्मई का कांग्रेस पर हमला

इस मुद्दे को लेकर राज्य के सीएम बासवराज बोम्मई ने कांग्रेस पर तंज कसा था। बोम्मई ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी ने पीएसआई भर्ती घोटाला मामले और रिश्वत मामले में एडीजीपी अमृत पाल और आईएएस अधिकारी जे मंजूनाथ की गिरफ्तारी को कवर किया होगा।

बोम्मई ने कहा, 'हमारी सरकार ने पूरे मामले का खुलासा किया। सीआईडी को मामले की जांच के लिए पूरी छूट दी गई और किसी को भी नहीं बख्शा गया। भर्ती का नेतृत्व कर रहे एडीजीपी को उसके खिलाफ सबूत मिलने के बाद गिरफ्तार किया गया।' बोम्मई ने बताया कि इसी तरह एक अन्य मामले में आईएएस अधिकारी जे मंजूनाथ को गिरफ्तार किया गया है। हम यहां किसी की रक्षा करने के लिए नहीं हैं। अगर किसी ने गलत किया है, तो कार्रवाई की जाएगी।'

क्या है पीएसआई घोटाला?

पीएसआई घोटाला मामला राज्य में पुलिस सब इंस्पेक्टरों की नियुक्ति में अनियमितता से जुड़ा है। राज्य की विधायक और पूर्व मंत्री प्रियांक खड़गे ने 545 से अधिक उम्मीदवारों की पीएसआई भर्ती में एक बड़े घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने इस मामले में सरकार और अधिकारियों की संलिप्तता की ओर इशारा किया था। 29 अप्रैल को सरकार ने परीक्षा के परिणाम रद्द कर दिए थे।


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