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जानें कैसे दांत से दिल तक को दुरुस्‍त रखती है ये औषधि, जरा आजमा कर तो देखिए

किचन में कई चीजें ऐसी होती हैं जो सि‍र्फ स्‍वाद ही नहीं बढ़ाती बल्‍कि स्‍वास्‍थ्‍य के लि‍ए भी रामबाण होती हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 29 Sep 2018 11:50 AM (IST)Updated: Sat, 29 Sep 2018 02:50 PM (IST)
जानें कैसे दांत से दिल तक को दुरुस्‍त रखती है ये औषधि, जरा आजमा कर तो देखिए
जानें कैसे दांत से दिल तक को दुरुस्‍त रखती है ये औषधि, जरा आजमा कर तो देखिए

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। अच्छी सेहत और कई तरह के रोगों की रोकथाम में लहसुन की भूमिका पहले से जाहिर है। लहसुन में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्त्व पाये जाते है जिसमें प्रोटीन 6.3 प्रतिशत, वसा 0.1 प्रतिशत, कार्बोज 21 प्रतिशत, खनिज पदार्थ 1 प्रतिशत, चूना 0.3 प्रतिशत लोहा 1.3 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम होता है। लहसुन में प्रोटीन, एंजाइम, विटामिन ए,बी व सी, सैपोनिन, फ्लैवोनॉइड, वसा, ऐलीसिन, सेलेनियम, सल्फ्यूरिक एसिड विशेष मात्रा में पाई जाती है।

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सल्फर यौगिक ही इसके तीखे स्वाद और गंध के लिए उत्तरदायी होता है। सल्फर पेट के लिए काफी फायदेमंद होता है। सिलेनियम मूड ठीक रखने में मदद करता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी होती है। इसमें पाए जाने वाले तत्वों में एक ऐलीसिन भी है जिसे एक अच्छे बैक्टीरिया-रोधक, फफूंद-रोधक एवं एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है।

अगर लहसुन को महीन काटकर बनाया जाये तो उसके खाने से अधिक लाभ मिलता है। यदि रोज नियमित रूप से लहसुन की पांच कलियां खाई जाएं तो हृदय संबंधी रोग होने की संभावना में कमी आती है। लहसुन, सेलेनियम का भी अच्छा स्रोत होता है। गर्भवती महिलाओं को लहसुन का सेवन नियमित तौर पर करना चाहिए। लहसुन, स्किन, हृदय के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।

कैंसर को रोकें

लहसुन का नियमित सेवन करने से कैंसर होने का खतरा काफी कम रहता है। 'एनल्स आफ इंटरनल मेडिसिन' की रिपोर्ट के अनुसार, हर हफ्ते पांच कली लहसुन खाने से कैंसर का खतरा 30 से 40 फीसदी कम हो जाता है। लहसुन का एक गुण यह भी है कि यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करता है।

दिल के लिए अत्‍यंत लाभकारी

उच्‍च रक्‍तचाप को दूर करने में भी लहसुन काफी फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद एलिसिन नामक तत्‍व उच्‍च रक्तचाप को सामान्‍य करने में मदद करते है। उच्‍च रक्तचाप के मरीज अगर नियमित रूप से लहसुन का सेवन करते है तो इससे उनका रक्चाप नार्मल रहता है। 'जर्नल आफ न्यूट्रीशन' के अनुसार, रोजाना लहसुन के सेवन से कोलेस्ट्राल में 10 फीसदी की गिरावट आती है, जिससे हृदयरोगों की संभावना कम हो जाती है।

ठंड से बचाएं

लहसुन की तासीर गर्म होने के कारण यह ठण्‍ड को दूर करने का कुदरती उपाय है। कई शोध इस बात को साबित कर चुके हैं कि ठंड के दिनों में लहसुन के सेवन से सर्दी नहीं लगती। सर्दियों के मौसम में गाजर, अदरक और लहसुन का जूस बनाकर पीने से शरीर को एंटीबायोटिक्स मिलते हैं और ठंड कम लगती है। सर्दी-जुकाम में लहसुन रामबाण है, इसे दूध में उबालकर पिलाने से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

दांत दर्द से राहत

लहसुन में एंटी बैक्‍टीरियल तत्‍व होते है जो दांत पर सीधा प्रभाव डालते है। लहसुन दांतों के दर्द से भी राहत दिलाने का काम करता है। लहसुन को लौंग के साथ पीसकर दांतों के दर्द वाले हिस्से पर लगाने से दर्द से तुरंत राहत मिलती है।

डायबिटीज में फायदेमंद

लहसुन डायबिटीज रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह शरीर में शुगर के स्‍तर को नियंत्रित कर इन्‍सुलिन की मात्रा को बढ़ा देता है जिससे डायबटीज की बीमारी में राहत मिलती है।

रक्‍त संचार करें दुरूस्‍त

लहसुन उन लोगों लिए भी बहुत फायदेमंद होता है जिनका खून गाढ़ा होता हैं। यह शरीर में रक्‍त प्रवाह सुचारू बनाए रखता है। खून का पतला करता है जिससे आप कई संभावित रोगों से बचे रहते हैं।

गर्भावस्था में फायदेमंद

गर्भावस्था के दौरान लहसुन का नियमित सेवन मां और शिशु, दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। गर्भवती महिलाओं को लहसुन का सेवन नियमित तौर पर करना चाहिए। यह गर्भ के भीतर शिशु के वजन को बढ़ाने में सहायक होता है।

एलर्जी दूर करें

लहसुन में मौजूद एंटी इंफ्लामेटरी तत्‍व एलर्जी को दूर करने में मदद करता है। अगर लहसुन का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो शरीर में एलर्जी से होने वाले निशान और चकतों की समस्‍या भी दूर हो जाती है।

प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाएं

लहसुन के सेवन से शरीर में टी-सेल्स, फैगोसाइट्स, लिंफोसाइट्स आदि प्रतिरोधी तत्व बढ़ते हैं। इन सब के बढ़ने के कारण शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है। इससे किसी भी प्रकार के संक्रमण का प्रभाव शरीर को तुरंत नहीं होता।

पैरों की झनझनाहट ठीक करें

रोजाना एक लहसुन खाने से पैरों की झनझनाहट ठीक हो जाती है। रिपोर्ट के अनुसार लहसुन में मौजुद प्रोटीन, वसा, कार्बोज, खनिज पदार्थ नसों की झनझनाहट की समस्या को ठीक कर देती हैं। 


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