त्रिपुरा : ब्रू शरणार्थियों के पुनर्वास के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले
प्रदर्शन को देखते हुए यहां भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है। स्थानीय लोग भारी संख्या में घरों से बाहर निकल रहे हैं और विरोध जता रहे हैं। पुलिस ने प्रदर्शन हिसंक होते देख आंसू गैस के गोले छोड़े हैं ताकि भीड़ पर नियंत्रण किया जा सके।
अगरतला, एएनआइ। त्रिपुरा में ब्रू शरणार्थियों को स्थाई रूप से बसाने की सरकार की योजना का विरोध किया जा रहा है। त्रिपुरा जिले के डोलुबरी गांव में मिजोरम से आकर बसे ब्रू शरणार्थियों के पुनर्वास की योजना के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शन को देखते हुए यहां भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है। स्थानीय लोग भारी संख्या में घरों से बाहर निकल रहे हैं, और विरोध जता रहे हैं। पुलिस ने प्रदर्शन हिसंक होते देख आंसू गैस के गोले छोड़े हैं ताकि भीड़ पर नियंत्रण किया जा सके। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने उत्तर त्रिपुरा के डोलुबरी गांव में वाहनों में भी आग लगा दी, जिससे काफी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं, गांव में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को भी जाम कर दिया है।
गौरतलब है कि मिजोरम से भागकर आए ब्रू जनजाति के 30 हजार से अधिक शरणार्थी त्रिपुरा में शिविरों में रहते हैं। 1997 में ये लोग पड़ोसी राज्य में हुई हिंसा के बाद यहां शिविरों में रहने लगे थे। दो दशक से भी ज्यादा समय से ये लोग यहां रह रहे हैं। ब्रू जनजाति कहीं बाहर से नहीं आई है बल्कि यह भारत की ही है।
बता दें कि इसी साल की शुरूआत में केंद्र सरकार ने ब्रू जनजातियों के लिए 600 करोड़ रुपये के पैकेज का एलान किया था। यह समझौता त्रिपुरा, मिजोरम और ब्रू जनजातियों के प्रतिनिधियों के बीच किया गया था, जिसके बाद शरणार्थियों को त्रिपुरा में ही बसाने का फैसला किया गया।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस बारे में बताया था कि ब्रू जनजाति के लोगों को घर के लिए जमीन दी जाएगी। इसके अलावा पांच हजार से ज्यादा परिवारों में से हर परिवार के खाते में चार लाख रुपये का फिक्स्ड डिपोजिट दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रति व्यक्ति के हिसाब से दो साल तक खाने के लिए मुफ्त राशन की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा त्रिपुरा सरकार की तरफ से दी गई जमीन का मालिकाना हक मिलने के बाद इन लोगों को डेढ़ लाख रुपये मकान बनाने के लिए दिए जाएंगे।