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सोनिया गांधी के घर के बाहर जुटे प्रदर्शनकारी

एक दफा फिर दिल्ली सड़क पर है और मांग रही है इंसाफ। इंसाफ उस 5 साल की मासूम के लिए जो खेलने-कूदने की उम्र में वो दर्द झेल रही है, जिसे सुनकर किसी भी इंसान की रुह कांप उठे। दिल्ली इसी 'गुड़िया' के लिए एक बार फिर खड़ी हो गई है। सभी की एक ही आवाज है कि हैवानियत की हदें पार करने वाले उस दरिंदे का फैसला ऑन द स्पॉट होना चाहिए।

By Edited By: Published: Sat, 20 Apr 2013 11:57 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2013 05:07 PM (IST)
सोनिया गांधी के घर के बाहर जुटे प्रदर्शनकारी

नई दिल्ली। एक दफा फिर दिल्ली सड़क पर है और मांग रही है इंसाफ। इंसाफ उस 5 साल की मासूम के लिए जो खेलने-कूदने की उम्र में वो दर्द झेल रही है, जिसे सुनकर किसी भी इंसान की रुह कांप उठे। दिल्ली इसी 'गुड़िया' के लिए एक बार फिर खड़ी हो गई है। सभी की एक ही आवाज है कि हैवानियत की हदें पार करने वाले उस दरिंदे का फैसला ऑन द स्पॉट होना चाहिए। प्रदर्शनकारियों का गुस्सा अब गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर उतर रहा है। उनके घर के बाहर चूड़ी और नोट लेकर लोग पुलिस कमिश्नर को हटाने की मांग कर रहे हैं।

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गांधी नगर में साढ़े पांच वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के बाद युवाओं का गुस्सा इंडिया गेट समेत नई दिल्ली में फूट सकता है। विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी। पुलिस को खुफिया सूचना मिली की शनिवार और रविवार को जंतर मंतर, विजय चौक, इंडिया गेट और पुलिस मुख्यालय पर उग्र प्रदर्शन हो सकता है। 16 दिसंबर वसंत विहार गैंगरेप के खिलाफ भड़के आंदोलन से सबक लेते हुए नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट में धारा 144 लागू कर दिया गया। इसी क्रम में पुलिस ने शनिवार शाम ही जंतर मंतर खाली करा दिया था। खतरे को भांपते हुए रात को अतिरिक्त पुलिस फोर्स बुलाकर वीवीआईपी मूवमेंट वाले रास्तों, इंडिया गेट, विजय चौक, जंतर मंतर के आसपास तैनात कर दिया।

वरिष्ठ पुलिस सूत्रों ने बताया कि खुफिया एजेंसियां सोशल साइट पर हर गतिविधि पर पैनी नजर बनाए हुई हैं। आशंका है कि इन साइटों के जरिए वीकेंड पर यूथ फिर से बड़ा आंदोलन कर सकते हैं। दिल्ली पुलिस के पास सूचना है कि बीजेपी ने मीका नाइट कैंसल करके आज शाम इंडिया गेट पर ब्रूटल रेप के खिलाफ कैंडल मार्च निकालने का पब्लिक से आह्वान किया है। जिसे ध्यान में रखते हुए नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट में अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही है। वीवीआईपी इलाकों की पुलिस बल ने सुरक्षा के मद्देनजर घेराबंदी कर रखी है। चुनिंदा रास्तों पर पुलिस ने बैरीकेड लगाए हैं, ताकि किसी भी तरह के प्रोटेस्ट को आगे बढ़ने से रोका जा सके।

16 दिसंबर को चलती बस में गैंगरेप की घटना ने लाखों लोगों को इंसाफ की मांग के लिए सड़क पर उतार दिया था। अभी दिल्ली गैंगरेप को लेकर चल रहा आंदोलन खत्म भी नहीं हुआ था कि दिल्ली को एक बार फिर सड़क पर उतरने पर मजबूर होना पड़ा। हो भी क्यों न, हादसा ही दिल दहला देने वाला है।

15 अप्रैल को पूर्वी दिल्ली के गांधीनगर इलाके में पांच साल की मासूम के साथ एक हैवान ने वो सब किया, जो इंसानियत के नाम पर बदनुमा दाग है। अब लोग इस दरिंदे के खिलाफ और उस गुड़िया की सलामती के लिए एकजुट हो रहे हैं। दिल्ली एक बार फिर विरोध के सुरों से गूंज उठी है। तो कहीं हाथ जोड़े, आंखों में आंसू लिए और मोमबत्ती की लौ के साथ लोग गुड़िया के लिए दुआ कर रहे हैं।

दिल्ली के इंडिया गेट, पुलिस मुख्यालय, आइटीओ, जंतर-मंतर, विजय चौक, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निवास उन जगहों में शुमार हैं, जहां ऐसी ही भीड़ देखी जा सकती है। कहने को ये भीड़ है, लेकिन आज फिर ये भीड़ एक आवाज बनकर सत्ता में बैठे हुक्मरानों से कई सवाल कर रही है। सवाल कई हैं, लेकिन आज भी जवाब किसी के पास नहीं। जवाब के नाम पर दरिंदगी से जुड़े कानूनों में बदलाव और पुलिस महकमे में पारदर्शिता लाने की बात कही जा रही है। फिर भीड़ की शक्ल में उस आवाज को दबाने की कोशिशें जारी हैं। लेकिन कब तक दबाई जाएगी ये आवाज।

दुआओं के लिए उठे हाथ

बलात्कार की इस घटना से नाराज इन संगठनों ने पीड़ित बच्ची के परिजनों को भी इसमें शामिल करने की योजना बनाई है। कुछ लोग विरोध जता रहे हैं तो कुछ लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रही बच्ची की सलामती की दुआएं भी मांग रहे हैं। जो लोग उसे अस्पताल में मिलने जा रहे हैं वे उसके लिए खिलौने भी ला रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चे भी मंदिर-मस्जिद जाकर अपने हाथ उठाकर ऊपर वाले से दुआ मांग रहे हैं कि वो बच्ची ठीक जाए। अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में मासूम बच्ची के लिए दुआएं की जा रही हैं।

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