पूर्वोत्तर में नशे और एचआइवी के खिलाफ 'प्रोजेक्ट सनराइज'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्वोत्तर राज्यों के विकास पर ध्यान देने की अपील के बाद अब वहां नशीली दवाओं के सेवन और एड्स के खतरे से लड़ने को बड़े स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्वोत्तर राज्यों के विकास पर ध्यान देने की अपील के बाद अब वहां नशीली दवाओं के सेवन और एड्स के खतरे से लड़ने को बड़े स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है।
इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा शनिवार को 'प्रोजेक्ट सनराइज' की शुरुआत करेंगे। इस काम में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) के अलावा सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, एफएचआइ 360 और कई एनजीओ भी सहयोग करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, योजना के तहत इंजेक्शन से नशीली दवाएं लेने वाले लोगों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। जिन इलाकों में इसका प्रभाव ज्यादा है, वहां विशेष अभियान चलेगा।
पूर्वोत्तर को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए ओरल सब्सीट्यूशन थेरेपी (ओएसटी) को अधिक से अधिक उपलब्ध कराने पर जोर होगा। यही नहीं, एचआइवी नियंत्रण कार्यक्रम को भी गति दी जाएगी। मंत्रालय के अनुसार, ओएसटी सेवा केंद्रों के खुलने की समय सीमा भी बढ़ाई जाएगी। प्रभावित लोगों को यह दवा साथ ले जाने की छूट होगी।
दरअसल, इंजेक्शन से नशा लेने वाले एचआइवी और दूसरी बीमारियों का अधिक शिकार हो रहे हैं। एचआइवी सेंटिनल सर्विसेज 2010-11 के मुताबिक, देश भर में इंजेक्शन से नशा लेने वाले लोगों में औसतन 7.14 फीसद एचआइवी से ग्रस्त हैं। मणिपुर में यह आंकड़ा 12.9 और मिजोरम में 12 फीसद है। पूर्वोत्तर में सुरक्षित सुई का प्रयोग नहीं होने से भी खतरा अधिक है।