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प्रो. हांगलू के इस्तीफे की स्वीकृति पर रहस्य, राष्ट्रपति भवन के अगले कदम पर टिकी हैं सबकी निगाहें

मानव संसाधन विकास मंत्रालय में इस पूरे मामले को लेकर गुरूवार को मंत्री और अफसरों के बीच कई दौर की बैठकें हुई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 09:38 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 09:47 PM (IST)
प्रो. हांगलू के इस्तीफे की स्वीकृति पर रहस्य, राष्ट्रपति भवन के अगले कदम पर टिकी हैं सबकी निगाहें
प्रो. हांगलू के इस्तीफे की स्वीकृति पर रहस्य, राष्ट्रपति भवन के अगले कदम पर टिकी हैं सबकी निगाहें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू के इस्तीफे के बाद अब सभी निगाहें राष्ट्रपति भवन के अगले कदम पर टिकी हुई है। जहां से इसे मंजूरी मिलना है। वैसे यह मसला थोड़ा रहस्यमयी हो गया है क्योंकि मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि कुलपति का इस्तीफा तत्काल सिफारिश के राष्ट्रपति भवन भेज दिया गया है। जबकि राष्ट्रपति भवन के सूत्र ऐसे किसी इस्तीफे के पाने से इनकार कर रहे हैं।

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हालांकि इस बीच विश्वविद्यालय के कुलपति हांगलू के समर्थन में विवि के कई प्रशासनिक आला अफसरों ने भी इस्तीफा देकर पूरे मामले को एक अलग रंग देने की कोशिश की है। फिलहाल जिस तरह से प्रोफेसर हांगलू के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग ने सख्त रूख दिखाया है, उससे साफ है कि कुलपति के इस्तीफे को वापस करना बहुत आसान नहीं होगा।

महिला उत्पीड़न जैसे कई गंभीर आरोप लगे

हालांकि यहां यह बताना जरूरी है कि इससे पहले प्रोफेसर हांगलू को हटाने व उसके खिलाफ जांच कराने की अनुमति देने वाले मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दो प्रस्तावों को राष्ट्रपति भवन वापस कर चुका है। राष्ट्रपति भवन ने गहन जांच की बात कही थी। हालांकि हांगलू को लेकर विवाद उनकी नियुक्ति के बाद से ही शुरु हो गया था। उन पर अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार, गलत तरीके से नियुक्ति करने और महिला उत्पीड़न जैसे कई गंभीर आरोप लगे थे। इनमें से महिलाओं के उत्पीड़न मामले की जांच फिलहाल राष्ट्रीय महिला आयोग कर रहा है। पिछले दिनों आयोग ने उन्हें इस मामले में तलब भी किया था।

इस बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय में इस पूरे मामले को लेकर गुरूवार को मंत्री और अफसरों के बीच कई दौर की बैठकें हुई है। सूत्रों की मानें तो इलाहाबाद विवि के कुलपति हांगलू के इस्तीफे को राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजने के बाद मंत्रालय ने उससे जुड़ी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा किया है। साथ ही कुलपति से जुड़ी शिकायतों का ब्यौरा भी राष्ट्रपति को भेजा है। हालांकि यह साफ नहीं हो पाया है, कि राष्ट्रपति भवन से इसकी मांग की गई थी, या फिर इसे इस्तीफे के पक्ष को मजबूत बनाने के लिए भेजा गया है। गौरतलब है कि हांगलू के खिलाफ मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी एक उच्च स्तरीय जांच कराई थी, जिसमें उन पर भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता और गलत तरीके से नियुक्ति देने जैसे मामलों की पुष्टि भी हुई थी।

 ..यूं ही नहीं हुआ हांगलू का इस्तीफा

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू खुद पर लग रहे जिन आरोपों से पिछले चार सालों से बचते चले आ रहे है। ऐसे में यह तो साफ है कि उन्होंने यूं ही इस्तीफा नहीं दिया होगा। बल्कि इसके पीछे उनका चौतरफा घिरना था। साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर केंद्रीय नेतृत्व का बढ़ता दबाव था।

सूत्रों की मानें तो बुधवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की एक रिपोर्ट के बाद तेज हुई। जिसके बाद हांगलू को साफ संदेश दे दिया गया, अब उनका बचना मुश्किल है। ऐसे में हांगलू ने इस्तीफा देने का रास्ता ही बेहतर समझा। जिसके बाद उन्होंने बुधवार देर शाम को अपना इस्तीफा मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा दिया। दबाव का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है, कि हांगलू को नए साल के पहले दिन ही इस्तीफा देना पड़ा। सूत्रों की मानें तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इस्तीफे को रातों-रात राष्ट्रपति भवन को भेजने का भी दवाब बनाया गया। जिसके बाद इसे तुरंत ही मंत्री की सिफारिश के साथ राष्ट्रपति भवन को भेज दिया गया है।


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