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जिम में एक घंटा बहाएं पसीना, खूब बनेंगे डोले-शोले और मुफ्त मिलेगी बिजली

बिना कोयला, पानी का इस्तेमाल किए प्रदूषणरहित ईको एनर्जी तैयार करने का अनोखा नुस्खा छत्तीसगढ़ के बाल वैज्ञानिकों की टीम ने विकसित किया है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 20 Apr 2018 12:18 PM (IST)Updated: Fri, 20 Apr 2018 12:48 PM (IST)
जिम में एक घंटा बहाएं पसीना, खूब बनेंगे डोले-शोले और मुफ्त मिलेगी बिजली
जिम में एक घंटा बहाएं पसीना, खूब बनेंगे डोले-शोले और मुफ्त मिलेगी बिजली

बिलासपुर [राधाकिशन शर्मा]। बिना कोयला, पानी का इस्तेमाल किए प्रदूषणरहित ईको एनर्जी तैयार करने का अनोखा नुस्खा गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के बाल वैज्ञानिकों की टीम ने विकसित किया है। यह मॉडल नीति आयोग को भी पसंद आया, जिसके बाद उसने इसका पेटेंट भी करा लिया है। बच्चों ने जिम में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की मदद से बगैर कोयला और पानी के एक घंटे में तीन किलोवॉट बिजली पैदा कर सकने में सक्षम मॉडल विकसित किया है।

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जिम में जाकर पसीना बहाने के साथ ही साथ बिजली भी पैदा की जा सके तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है। बाल वैज्ञानिकों का कहना है कि आज के दौर में छोटे-बड़े तमाम शहरों में जिम का क्रेज है। युवा वर्ग सुबह-शाम घंटों जिम में बिताता है। इसीलिए इको एनर्जी का स्नोत जिम को बनाया है।

बिजली पैदा करने के लिए न तो पावर प्लांट बनाने की जरूरत है और न ही भूखंड अधिग्रहण की। ये बाल वैज्ञानिक गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल की लैब में प्रतिदिन एक घंटे व्यायाम कर तीन किलोवॉट बिजली पैदा कर रहे हैं।

बिजली बनाने के लिए बच्चों द्वारा चलाई जाने वाली दोपहिया साइकिल को प्रमुख स्नोत के रूप में इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ ही एक विशेष प्रकार का हरक्यूलिस स्टेपल मोटर बनाई गई है, जिसे जिम में साइकिल या अन्य यंत्रों से जोड़ा जा सकता है।

इससे उत्पादित होने वाली बिजली को मोटर से जोड़ी गई बैटरी में स्टोर किया जाता है। शुरुआती प्रयोग सफल होने के बाद अब पांच हॉर्स पावर की मोटर की जगह 15 हॉर्स पावर की मोटर लगा कर बड़ी मशीन बनाई जा रही है, जिसे शहर में संचालित करीब 150 जिम में स्थापित किये जाने की योजना है।

एक गांव हो सकेगा रोशन

बच्चों के मेंटर डॉ.धनजंय पांडेय ने बताया कि बिलासपुर शहर में करीब 150 जिम है। जिम जाने वाले लोगों द्वारा की जाने वाली कसरत से कितनी बिजली पैदा हो रही है, इसका सही-सही आंकड़ा जानने के लिए पहले विशेष प्रकार का एप बनाया। इस एप को सभी जिमों में लगाया गया था। प्रतिदिन हम इसकी मॉनिटरिंग कर रहे थे।

एक सप्ताह की मॉनिटरिंग के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि एक व्यक्ति एक घंटे में एक्सरसाइज के दौरान दो से तीन किलोवॉट बिजली पैदा कर रहा है। यानी शहर के 150 जिम से इतनी बिजली पैदा हो रही है कि इससे एक गांव को बिजली आपूर्ति की जा सकती है। 


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