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    'हवा में घुट रहा लोगों का दम, राजनीति छोड़ हम सब साथ आएं', प्रियंका गांधी की PM Modi और CM रेखा से अपील

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 02:07 PM (IST)

    दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर प्रियंका गांधी ने चिंता जताई और पीएम मोदी और सीएम रेखा गुप्ता से तत्काल कदम उठाने की अपील की। प्रियंका ने सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर इस समस्या का समाधान निकालने का आग्रह किया, ताकि दिल्ली के नागरिकों को इस जहरीली हवा से बचाया जा सके।

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    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की खराब हो चुकी हवा को लेकर प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी और दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता से तुरंत कदम उठाने की अपील की है। स्मॉग ने राजधानी को ग्रे कफन में लपेट लिया है।

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    प्रियंका गांधी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया। उन्होंने दिल्ली की हवा को वायनाड और बिहार के बच्चवारा से तुलना की। उन्होंने लिखा, "पहले वायनाड और फिर बिहार के बछवाड़ा से दिल्ली की हवा में लौटना वाकई चौंकाने वाला है। इस शहर को ढंके प्रदूषण ने मानो उस पर एक धूसर आवरण डाल दिया हो।"

    उन्होंने आगे लिखा, "अब समय आ गया है कि हम सब अपनी राजनीतिक मजबूरियों की परवाह किए बिना एकजुट होकर इस बारे में कुछ करें। केंद्र और राज्य सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, इस भयावह स्थिति को कम करने के लिए वे जो भी कदम उठाएंगे, हम सब उनका समर्थन और सहयोग करेंगे। साल दर साल दिल्ली के नागरिक इस जहरीलेपन का शिकार होते हैं और उनके पास कोई उपाय नहीं है।"

    दिल्ली के लोग इस जहर को सहने को मजबूर

    प्रियंका ने सभी राजनीतिक नेताओं से पार्टी से ऊपर उठकर साथ आने को कहा। केंद्र और राज्य सरकारों को तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कोई भी कदम उठाएं, सभी समर्थन और सहयोग करेंगे।

    उन्होंने खास तौर पर अस्थमा के मरीजों, स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों की चिंता जताई। उन्होंने कहा, "हर साल दिल्ली के लोग इस जहर को सहने को मजबूर हैं।"

    IIT दिल्ली की रिपोर्ट में क्या?

    IIT दिल्ली के सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक साइंसेज की रिपोर्ट 31 अक्टूबर को जारी हुई। रिपोर्ट कहती है कि सर्दियों में क्लाउड सीडिंग से दिल्ली की हवा में कोई बड़ा सुधार नहीं होगा।

    रमेश ने कहा कि यह प्रयोग नाटकीय लगता है और कुछ किया जा रहा है का भ्रम पैदा करता है। लेकिन इसकी प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल हैं। उन्होंने कहा, "एक-दो दिन के लिए सीमित इलाके में हल्का सुधार मिलना क्रूर मजाक है।"

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