भारत में भी सुलभ होगी अंतरिक्ष यात्रा, इसरो के साथ मिलकर निजी क्षेत्र करेंगे काम
अंतरिक्ष अनुसंधान और रॉकेट साइंस में भारत की उपलब्धियां का फायदा उठाते हुए निजी क्षेत्र अब इसका इस्तेमाल अंतरिक्ष पर्यटन के लिए कर सकेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना का संकट अंतरिक्ष में सैर की इच्छा रखने वालों के लिए नया अवसर लेकर आया है। अंतरिक्ष अनुसंधान और रॉकेट साइंस में भारत की उपलब्धियां का फायदा उठाते हुए निजी क्षेत्र अब इसका इस्तेमाल अंतरिक्ष पर्यटन के लिए कर सकेंगे। इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने इसरो द्वारा विकसित की गई आधारभूत ढांचे के इस्तेमाल की अनुमति निजी क्षेत्र को दे दी है। इसके अलावा अन्य फैसले में सरकार ने देश में फल और सब्जियों को सड़ने से बचाने के लिए परमाणु रेडिएशन पर आधारित इंक्यूबेशन सेंटर विकसित करने के लिए स्टार्ट अप कंपनियों को आमंत्रित किया है।
अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़े सुधारों का ऐलान
कोरोना के संकट से देश को निकालने के लिए पैकेज की घोषणा के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़े सुधारों का ऐलान किया। इसके तहत इसरो के साथ मिलकर निजी कंपनियां भी अंतरिक्ष अनुसंधान और अंतरिक्ष पर्यटन को बढ़ावा देने का काम कर सकेगी। भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान की दिशा में कई निजी स्टार्ट अप काम कर रहे हैं, लेकिन कानूनी सीमाओं के कारण वे इसरो के ढांचे के उपयोग नहीं कर सकते थे। इसरो के ढांचे का इस्तेमाल की अनुमति मिल जाने से अंतरिक्ष पर्यटन और अनुसंधान में निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। गौरतलब है कि अमेरिका में नासा के साथ मिलकर निजी कंपनियां अंतरिक्ष पर्यटन के विकास में जुटी हुई हैं।
सूखा प्रबंधन व अन्य विकास योजनाओं में भी मिलेगा लाभ
अंतरिक्ष पर्यटन के साथ ही सरकार ने निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए इसरो का डाटा उपलब्ध कराने का फैसला किया है। निर्मला सीतारमन ने कहा कि सूखा प्रबंधन व अन्य विकास योजनाओं पर काम कर रहे स्टार्ट अप के लिए इस तरह की जरूरत होती है। भारत में ये स्टार्ट अभी तक ये डाटा विदेशी अंतरिक्ष एजेंसियों से खरीदते थे। लेकिन सरकार ने अब उन्हें अब देश में ही इसरो का डाटा मुहैया कराएगी। इससे किसी क्षेत्र के लिए विशेष योजना तैयार करते में इन कंपनियों को आसानी होगी।
नई खोजों के साथ इलाज ज्यादा सुलभ और सस्ता होगा
इसके साथ ही सरकार ने विभिन्न रोगों के इलाज और फल-सब्जियों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में परमाणु आइसोटोप्स व रेडिएशन तकनीक को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इस दिशा में अनुसंधान के लिए विशेष परमाणु रिएक्टर का निर्माण होगा। जिसका काम ऐसे परमाणु आइसोटोप्स को विकसित करना होगा, जो कैंसर जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जा सके। कैंसर के इलाज में इसका इस्तेमाल पहले से हो रहा है। नई खोजों के साथ इलाज ज्यादा सुलभ और सस्ता उपलब्ध हो सकता है।
फलों और सब्जियों के बड़े पैमाने पर सड़ने से बचाया जा सकता है
वहीं फलों और सब्जियों के बड़े पैमाने पर सड़ने और इसके कारण किसानों के इन्हें सस्ते पर बेचने से मजबूर होने की समस्या के समाधान के लिए अधिक से अधिक परमाणु रेडिएशन तकनीक को बढ़ावा देने का फैसला किया गया है। फलों-सब्जियों की सुरक्षित बनाने वाले बेहतर इनक्यूबेशन सेंटर विकसित करने स्टार्ट अप को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इस तकनीक इस्तेमाल पहले बहुत सीमित रूप में किया जा रहा था। सरकार ने इसे अब सर्वसुलभ बनाने की कोशिश कर रही है।