प्राइवेट अस्पताल भी आयुष्मान भारत योजना में शामिल, कैंसर पीड़ितों का भी होगा इलाज
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों को भी सूची में शामिल कर लिया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (National Health Authority) ने शुक्रवार को प्राइवेट अस्पतालों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) में शामिल किया है, ताकि कैंसर और हार्ट जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों का भी इलाज हो सके।
कैंसर, हृदय संबंधी और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों को निरंतर उपचार की आवश्यकता होती है। ऐसे में हॉस्पिटल इम्पैनमेंट मॉड्यूल (एचईएम) नामक इस नए तंत्र के लॉन्च होने के साथ ही मरीजों को उपचार कराने में आसानी होगी।
आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की सीईओ डॉ. इंदु भूषण ने कहा है कि एबी-पीएमजेएवाई के लाभार्थियों की सेवा करने की हमारी क्षमता को बढ़ाने के हमारे प्रयास के तहत हमने निजी अस्पतालों को सूची में शामिल करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हम एक अस्थायी आधार पर सरल और सहज प्रणाली के माध्यम से निजी अस्पतालों के जरिए राज्यों, अस्पताल संघों और स्वास्थ्य सेवा उद्योग निकायों तक पहुंचना शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत 1,500 से अधिक स्वास्थ्य लाभ पैकेज शामिल हैं।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना केंद्र सरकार की एक प्रमुख स्वास्थ्य सेवा योजनाओँ में से एक है, जो प्रति वर्ष लगभग 50 करोड़ गरीब और कमजोर व्यक्तियों को प्रति परिवार 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है।
बता दें कि इससे पहले नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने कोरोवा वायरस के इलाज को आयुष्मान योजना में शामिल किया था। एक बयान में एनएचए ने कहा था कि अभी सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 की मुफ्त जांच व इलाज की सुविधा मिली हुई है। लेकिन आयुष्मान योजना के दायरे में आने वाले 50 करोड़ लोगों को अब निजी क्षेत्र की लैब में जांच और योजना में शामिल अस्पतालों में मुफ्त इलाज कराने की सुविधा मिल गई है।