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अटल पेंशन योजना की रफ्तार बढ़ाने को जुड़ेंगे निजी एजेंट

सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी तीन योजनाओं में से अटल पेंशन योजना की धीमी रफ्तार को देख सरकार अब इसके साथ निजी एजेंटों को जोडऩे की संभावनाएं तलाश रही है। बैैंकों की तरफ से लोगों को इस योजना से जोडऩे में आ रही दिक्कतों को देखते हुए सरकार इस विकल्प पर

By Amit MishraEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2015 07:47 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2015 07:56 PM (IST)
अटल पेंशन योजना की रफ्तार बढ़ाने को जुड़ेंगे निजी एजेंट

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी तीन योजनाओं में से अटल पेंशन योजना की धीमी रफ्तार को देख सरकार अब इसके साथ निजी एजेंटों को जोडऩे की संभावनाएं तलाश रही है। बैैंकों की तरफ से लोगों को इस योजना से जोडऩे में आ रही दिक्कतों को देखते हुए सरकार इस विकल्प पर विचार कर रही है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके समेत सामाजिक सुरक्षा की तीन योजनाओं की शुरुआत इस साल 9 मई को की थी। तीनों ही योजनाओं को बैैंकों द्वारा बेचा जाना था। लेकिन प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनाओं में लोगों की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। परंतु अटल पेंशन योजना से अभी भी लोगों ने दूरी बना रखी है।

वित्त मंत्रालय के 20 अगस्त 2015 तक के आंकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा से अब तक 27499115 नागरिक जुड़ चुके हैैं। जबकि सुरक्षा बीमा योजना से 81517917 नागरिक जुड़े हैैं। लेकिन इस अवधि तक केवल 678641 नागरिक ही अटल पेंशन योजना से जुड़ पाएं हैैं।

वित्त मंत्रालय के अधिकारी मानते हैैं कि इन तीनों योजनाओं में अटल पेंशन योजना के पिछडऩे की मूल वजह इसे लेकर लोगों को समझाने का अभाव है। अभी तक सरकार की तीनों योजनाओं को बेचने की जिम्मेदारी बैैंकों के पास है। जहां तक बीमा योजनाओं का सवाल है उसमें लोगों को बहुत अधिक समझाने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए अधिकांश लोग इनकी तरफ आकर्षित हो रहे हैैं।

दूसरी तरफ अटल पेंशन योजना लंबी अवधि की योजना है जिसमें रिटर्न भी सेवानिवृत्ति की आयु के बाद मिलेगा। इसलिए माना जा रहा है कि लोगों को इसका ब्यौरा अच्छी तरह समझाने की आवश्यकता है। बैैंक यह कार्य नहीं कर सकते। लिहाजा अब इस योजना के साथ निजी एजेंटों को जोडऩे पर विचार किया जा रहा है।
अटल पेंशन योजना के तहत हर महीने 1000, 2000, 3000, 4000 और 5000 रुपये पेंशन पाने का प्रावधान है। 18 से 40 वर्ष तक की आयु के लोग इसका हिस्सा बन सकते हैैं।

बीते सप्ताह बृहस्पतिवार को ही सरकार ने इसे और आकर्षित बनाने के लिए इसके प्रीमियम भुगतान की अवधि में राहत दी है। अब सदस्य मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक आधार पर अपना अंशदान कर सकेंगे। अगर कोई व्यक्ति किसी वजह से अंशदान करना बंद कर देता है तो उसका खाता तब तक निष्क्रिय नहीं किया जाएगा तब तक कि उसके अंशदान की राशि सरकार के योगदान से अधिक है।

साथ ही सरकार ने विलंब से भुगतान पर पेनाल्टी को भी सरल बना दिया है। अब विलंब भुगतान पर 100 रुपये पर सिर्फ एक रुपये के हिसाब से ही पेनाल्टी लगेगी। एक महत्वपूर्ण बदलाव यह भी किया गया है कि अब कोई भी सदस्य 60 वर्ष की उम्र से पहले इस पेंशन योजना को छोड़ भी सकता है।


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