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Prithvi ballistic missile: पृथ्वी-2 मिसाइल का रात में सफल परीक्षण, 500 से 1000 किलोग्राम युद्ध सामग्री ले जाने में सक्षम

Prithvi ballistic missile देश में निर्मित और परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम पृथ्वी-2 मिसाइल का ओडिशा चादीपुर परीक्षण केंद्र से सफल परीक्षण किया।

By Edited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 10:24 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 09:05 AM (IST)
Prithvi ballistic missile: पृथ्वी-2 मिसाइल का रात में सफल परीक्षण, 500 से 1000 किलोग्राम युद्ध सामग्री ले जाने में सक्षम
Prithvi ballistic missile: पृथ्वी-2 मिसाइल का रात में सफल परीक्षण, 500 से 1000 किलोग्राम युद्ध सामग्री ले जाने में सक्षम

बालेश्वर, लावा पाडे। भारत ने मंगलवार को देर शाम देश में निर्मित और परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम पृथ्वी-2 मिसाइल का ओडिशा चादीपुर परीक्षण केंद्र से सफल परीक्षण किया। सतह से सतह पर 350 किलोमीटर तक दुश्मनों पर वार करने की क्षमता वाली इस मिसाइल को देर शाम करीब 7:45 पर चादीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र आइटीआर के प्रक्षेपण परिसर तीन से दागा गया।

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इससे पहले, यहीं पर बीते 20 नवंबर को भी पृथ्वी 2 मिलाइल का परीक्षण किया गया था। सूत्रों ने बताया कि परीक्षण पूरी तरह सफल रहा और मिसाइल सभी मानकों पर खरी उतरी। ये मिसाइल अपने साथ 500 से 1000 किलोग्राम युद्ध सामग्री ले जा सकती है। इसमें दो लिक्विड प्रोपल्शन इंजन लगे हैं। स्टेट ऑफ द आर्ट मिसाइल की मारक क्षमता करीब 350 किलोमीटर है। मिसाइल में एडवांस गाइडेंस सिस्टम लगा है जो अपने लक्ष्य को आसानी से मार गिरा सकता है।

पृथ्वी मिसाइल 2003 से सेना में है, जो नौ मीटर लंबी है। पृथ्वी डीआरडीओ द्वारा निर्मित पहली मिसाइल है। रात में परीक्षण के लिए मिसाइल का चयन प्रोडक्शन स्टॉक से किया गया था। मिसाइल की लॉन्चिंग कार्यक्रम स्ट्रैटजिक फोर्स कमांड द्वारा किया गया। इसकी हर हरकत पर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की नजर रही।

पृथ्वी- 2 मिसाइल 500 से 1000 किलोग्राम तक आयुध ले जाने में सक्षम है। यह दोहरे इंजन वाली तरल प्रणोदक चलित है। सूत्रों की मानें तो यह अत्याधुनिक मिसाइल 350 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है इसमें लक्ष्य को भेदने के लिए आधुनिक तुबीय दिशा निर्देशक प्रणाली लगी है और यह अपने प्रक्षेप पथ पर बड़ी कुशलता से आगे बढ़ती है।

इसकी समूची प्रक्षेपण गतिविधियों को सेना की रणनीतिक बल कमान ने अंजाम दिया तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिकों ने इसकी निगरानी की। स्वदेश निर्मित इस मिसाइल का पहले भी कई बार बालासोर के चादीपुर स्थित परीक्षण केंद्र से सफलतापूर्वक रात्रि कालीन परीक्षण किया जा चुका है।


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