Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विचाराधीन कैदियों की रिहाई की सूची बनेगी

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Tue, 01 Sep 2015 07:11 PM (IST)

    केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह देश भर की जेलों में कैद विचाराधीन कैदियों की सूची बनाने का प्रशासन को आदेश दें।

    Hero Image

    नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह देश भर की जेलों में कैद विचाराधीन कैदियों की सूची बनाने का प्रशासन को आदेश दें। इस सूची में उन विचाराधीन कैदियों का भी ब्योरा मांगा गया है कि जिन्होंने अपने आरोपित अपराध की अधिकतम सजा का आधा समय जेल में पूरा कर लिया है। सीआइसी ने मंत्रालय को यह भी कहा है कि ऐसे कैदियों की रिहाई की संभावित तारीख जारी कर उन कैदियों को उसकी जानकारी दी जाए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर अचारयुलु ने मंगलवार को केंद्र सरकार को यह आदेश तब दिया जब एक आरटीआइ याचिकाकर्ता के तिहाड़ जेल प्रशासन से विचाराधीन कैदियों की रिहाई के लिए गठित की जाने वाली विचाराधीन समीक्षा कमेटी (यूआरसी) के बारे में पूछा गया। लेकिन आरटीआइ के जरिए इस बारे में समुचित जवाब नहीं मिला।

    आयोग ने गृह मंत्रालय को दिशा-निर्देश दिया है कि वह सभी जेल प्रशासनों को विचाराधीन कैदियों की सूची बनाते हुए उन्हें समय-समय पर हर साल की तिमाही में रिहा करने को कहा है। साथ ही उन्हें उनकी रिहाई की सही तारीख बताने के भी निर्देश हैं।

    धारा 436-ए का पालन हो

    सीआरपीसी की धारा 436-ए के मुताबिक विचाराधीन कैदी को अपने अपराध की अधिकतम सजा के आधे समय तक ही बंदी बनाकर रखा जा सकता है। हालांकि यह प्रावधान उन अपराधों पर लागू नहीं होता है जिसके लिए अधिकतम सजा मृत्युदंड है।

    सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश

    सुप्रीम कोर्ट ने एक अक्टूबर, 2014 से जुडीशियल मेजिस्ट्रेट, चीफ जुडीशियल मेजिस्ट्रेट या सेशन जज को दिशा-निर्देश जारी किया है कि हरेक जेल में दो महीने के लिए हर हफ्ते एक जेल में सत्र लगाना चाहिए। इस न्यायिक सत्र का मकसद सीआरपीसी की धारा 436-ए को प्रभावी तरह से लागू करना होगा।