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संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिवारवाद की राजनीति पर निशाना, जानें भाषण की प्रमुख बातें

आज 26 नवंबर 2021 के दिन भारत को संविधान अपनाए हुए 72 साल पूरे हो चुके हैं। संविधान दिवस के मौके पर आज संसद भवन में विशेष कार्यक्रम ओयाजन किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में केंद्र और राज्‍यों की पिछली सरकारों पर निशाना साधा।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 12:09 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 01:18 PM (IST)
संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिवारवाद की राजनीति पर निशाना, जानें भाषण की प्रमुख बातें
Prime Minister Narendra Modi's target on the politics of family on the occasion of Constitution Day

नई दिल्ली, एजेंसियां: आज 26 नवंबर 2021 के दिन भारत को संविधान अपनाए हुए 72 साल पूरे हो चुके हैं। आज के ही दिन साल 1949 में डॉ. भीम राव आंबेडकर ने देश को संविधान सौपा था, जिसे 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में लागू कर दिया गया। जिसके चलते देश में 26 जनवरी के दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज संसद भवन में विशेष कार्यक्रम ओयाजन किया गया। जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी समेत तमाम गणमान्‍य लोग मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने संविधान के निर्माताओं को प्रणाम किया। साथ ही परिवारवाद की राजनीति पर तंज कसते हुए देश में लोकतंत्र को खतरा बताया।

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परिवारवाद की राजनीति पर निशाना

परिवारवाद की राजनीति पर तंज कसते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, भारत एक ऐसे संकट के तरफ़ बढ़ रहा है, जो संविधान के प्रति समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है। लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वो हैं पारिवारिक पार्टियां। पीएम मोदी ने योग्यता के आधार पर परिवार के एक से अधिक लोगों के पार्टी में शामिल होने पर सहमति जताई। लेकिन एक ही पार्टी में पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति में शामिल हो रहे लोगों को परिवारवाद की राजनीति से प्रेरित कहा।

महात्‍मा गांधी के संघर्षों का उल्लेख

पीएम मोदी ने आजादी की लड़ाई में महात्‍मा गांधी के संघर्ष को भी याद किया। उन्होंने कहा कि, बापू ने देश के लोगों के मन में आजादी के सपने को जन्म दिया और आत्मनिर्भर बनने के साथ सफाई के महत्व को जन-जन तक पहुंचाया था। इसे वक्त के साथ बढ़ाना चाहिए था, लेकिन पूर्व की सरकारों में ऐसा नहीं हुआ।

संविधान दिवस है जरूरी

संविधान दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सदन को प्रणाम करते हुए, जगह के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने कहा की, इसी पवित्र जगह पर महीनों तक भारत के एक्टिविस्टों ने देश के उज्जवल भविष्य के लिए व्यवस्थाओं को निर्धारित करने के लिए मंथन किया था और संविधान रुपी अमृत हमें प्राप्त हुआ। हमें संविधान दिवस इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि इससे यह तय होता है कि हमारा जो रास्ता है वह सही है या नहीं। यह दिवस इसका मूल्यांकन करने में हमारा सहायक है।

मुंबई आतंकी हमले को किया याद

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में मुंबई 26/11 आतंकी हमले को याद करते हुए बेहद दुखद दिवस बताया। आज के ही दिन देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया। देश के वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। आज मैं उन बलिदानियों को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साल 2015 से हुई शुरुआत

भारतियों में संविधान के महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत साल 2015 में की गई थी। केंद्र सरकार के फैसले को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को अधिसूचित किया था।


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