पीएम नरेंद्र मोदी के आधार और मतदाता कार्ड संबंधी सूचनाएं नहीं होंगी सार्वजनिक
आरटीआइ कार्यकर्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय से नरेंद्र मोदी के आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र से जुड़ी सूचनाएं मांगी थीं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधार और मतदाता पहचान पत्र से जुड़ी सूचनाएं सार्वजनिक करने से इन्कार के प्रधानमंत्री कार्यालय के फैसले को केंद्रीय सूचना आयोग ने कायम रखा है। सोनी एस एरामाथ नाम के आरटीआइ कार्यकर्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय से नरेंद्र मोदी के आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र से जुड़ी सूचनाएं मांगी थीं। साथ ही प्रधानमंत्री पद की शपथ के तरीके पर भी सवाल पूछा था।
जवाब में उन्हें बताया गया है कि प्रधानमंत्री ने शपथ संवैधानिक व्यवस्था के तहत ली है। जबकि मोदी के बारे में व्यक्तिगत सूचनाएं देने से इन्कार कर दिया गया। बाद में एरामाथ ने केंद्रीय सूचना आयोग से इन जानकारियों की मांग की। मुख्य सूचना आयुक्त आरके माथुर ने आरटीआइ अधिनियम 2005 का हवाला देते हुए बताया है कि प्रधानमंत्री को इस तरह की सूचनाएं न देने की छूट प्राप्त है। इन व्यक्तिगत सूचनाओं का किसी भी सार्वजनिक गतिविधि के लिए इस्तेमाल जरूरी नहीं है और न ही वे अन्य किसी के मतलब की हैं। इस तरह की सूचनाएं देना किसी की निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा। आयोग ने इन सवालों से जुड़ी प्रक्रिया पूरी कर दी है।
87 करोड़ बैंक खाते और 60 फीसद मोबाइल नंबर ही अब तक हुए लिंक
आधार-लिंकिंग की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है, लेकिन स्थिति अब भी संतोषजनक नहीं है। ऐसे में जब सिर्फ एक महीने से भी कम का समय रह गया है अब तक सिर्फ 60 फीसद मोबाइल नंबर ही आधार से जोड़े जा पाए हैं। सभी मोबाइल नंबर को आधार से जोड़े जाने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2018 है।
ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ा जाएगा
बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कराने के बाद अब ड्राइविंग लाइसेंस को भी आधार से जोड़ने की तैयारी चल रही है। आइटी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया तेज करने के बारे में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से वह बातचीत कर रहे हैं।