BJP के वरिष्ठ नेता शरद त्रिपाठी के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख, ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि
भारतीय जनता पार्टी ने एक वरिष्ठ नेता को खो दिया। संतकबीरनगर के पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी समेत पार्टी के कई नेताओं ने दुख जताया है। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में बुधवार रात उनका निधन हो गया।
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संतकबीरनगर से पूर्व सांसद व भाजपा के वरिष्ठ नेता शरद त्रिपाठी के असमय निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने लिखा, 'शरद त्रिपाठी के असमय निधन से दुखी हूं। समाज की सेवा करने के साथ ही निचले तबके के लोगों के लिए काम करना उन्हें पसंद था। संत कबीर दास जी के आदर्शों को लोकप्रियता दिलाने के लिए उन्होंने प्रयास किए। उनके समर्थकों और परिजनों के लिए सांत्वना। ओम शांति।'
Shri Sharad Tripathi’s untimely demise has left me as well as many others saddened. He loved serving society and working for the downtrodden. He made unique efforts to popularise the ideals of Sant Kabir Das Ji. Condolences to his family and supporters. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 1, 2021
प्रधानमंत्री के अलावा अमेठी से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत पार्टी बड़े नेताओं ने शरद त्रिपाठी के निधन पर शोक जताया है। नेता महेंद्र सिंह ने भी ट्वीट करके शरद त्रिपाठी के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा है कि संतकबीरनगर से पूर्व सांसद व बीजेपी नेता शरद त्रिपाठी जी के दुःखद निधन पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। BJP के वरिष्ठ नेता शरद त्रिपाठी का बुधवार रात को गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे।
देवरिया के सांसद व भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा.रमापति राम त्रिपाठी के पुत्र तथा संतकबीरनगर से भाजपा के पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी ने बुधवाररात लगभग 10:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 50 साल के थे और लिवर की बीमारी से जूझ रहे थे।
2014 में बने थे संतकबीरनगर के सांसद
शरद त्रिपाठी 2014 में संतकबीरनगर से सांसद बने थे। वह खजनी विधानसभा क्षेत्र के झुडि़यां गांव के मूल निवासी थे। परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी तथा दो बेटे व दो बेटियां हैं। बतौर सांसद त्रिपाठी विदेश मामलों की स्थायी समिति के सदस्य के साथ ग्रामीण विकास मंत्रालय, पंचायती राज, पेयजल और स्वच्छता सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे। 2018 में हुए जूता कांड से चर्चा में आने के कारण 2019 के लोकसभा चुनाव में उनका टिकट कट गया था।