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केरल की छात्रा के हिमाचली लोक गीत को पीएम मोदी ने सराहा, बोले- वन इंडिया, ग्रेट इंडिया के विचार को दी मजबूती

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने भी फेसबुक पर छात्रा को बधाई दी। एक भारत श्रेष्ठ भारत देश के विभिन्न राज्यों के बीच सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने के लिए केंद्र द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम है। पीएम मोदी ने कहा- देविका पर गर्व है।

By Neel RajputEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 08:00 AM (IST)
केरल की छात्रा के हिमाचली लोक गीत को पीएम मोदी ने सराहा, बोले- वन इंडिया, ग्रेट इंडिया के विचार को दी मजबूती
पीएम मोदी ने कहा- देविका पर गर्व है

तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। केरल की एक छात्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हिमाचल प्रदेश के एक लोक गीत को गाने के लिए सराहना मिली है। देविका का यह गीत 'वन इंडिया, ग्रेट इंडिया' के विचार को मजबूती देने वाला है।

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प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, 'देविका पर गर्व है! उनके मधुर गायन से 'वन इंडिया, ग्रेट इंडिया' का सार मजबूत होता है!' देविका ने 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' कार्यक्रम के तहत हिमाचली गीत गाया था। उसके शिक्षकों ने इसे स्कूल के फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया था और कुछ ही समय के अंदर यह वीडियो वायरल हो गया।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने भी फेसबुक पर छात्रा को बधाई दी। 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' देश के विभिन्न राज्यों के बीच सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने के लिए केंद्र द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम है। देविका ने एएनआइ को बताया, 'मुझे उम्मीद नहीं थी कि गीत इतना लोकप्रिय हो जाएगा। मैंने इससे पहले संगीत नहीं सीखा है लेकिन इस गाने को सुनने के बाद मेरे शिक्षक ने मुझे संगीत सिखाया।'

छात्रा ने कहा, 'मैं अपने शिक्षक को धन्यवाद देती हूं जिन्होंने हाल ही में मुझे गाने के लिए प्रोत्साहित किया और मुझे संगीत भी सिखाया। मैं भविष्य में एक डॉक्टर और साथ ही एक पार्श्व गायक बनना चाहती हूं।'

एक भारत श्रेष्ठ भारत को बढ़ावा दें विश्वविद्यालय- UGC

गौरतलब है कि कुछ समय पहले यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए थे। इस सिलसिले में कुलपतियों को पत्र भेजकर आयोग ने कहा था कि राष्ट्र के रूप में भारत की विशेषता को भाषाई, सांस्कृतिक और धार्मिक विशेषताओं को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया जा रहा है। यूजीसे ने कहा था कि भारत में जाति, धर्म, पहनावा, बोली, संस्कृति, रीति, रिवाज, परंपरा में काफी विविधता के बाबजूद भी एकता की मिसाल दी जाती है। ऐसे में इसको बढ़ावा देने के लिए गतिविधियां संचालित की जाएं। इसके साथ ही उच्‍‍च शिक्षण संस्थानों को इसके लिए वेबिनार कराकर अधिक से अधिक लोगों की प्रतिभागिता सुनिश्चित कराने को भी कहा गया था।


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