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अलीगढ़ के विधायक की क्यों करनी पड़ी प्रधानमंत्री मोदी से शिकायत

श्री महाउरू पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक ने लगाया कोल विधायक पर आरोप। प्रधानमंत्री से की गई है शिकायत।

By Edited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 06:55 PM (IST)
अलीगढ़ के विधायक की क्यों करनी पड़ी प्रधानमंत्री मोदी से शिकायत
अलीगढ़ के विधायक की क्यों करनी पड़ी प्रधानमंत्री मोदी से शिकायत

अलीगढ़ : शहर के ज्वालापुरी स्थित श्री महाउरू पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक नारायण हरि गुप्ता ने प्रधानमंत्री से भाजपा के कोल विधायक अनिल पाराशर की शिकायत की है। पत्र में आरोप है कि नगर निगम को पक्ष में लेकर विधायक नजदीकी लोगों के जरिये स्कूल की जमीन पर कब्जा कराना चाहते हैं। एंटी भू माफिया पोर्टल पर की शिकायत गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ व नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना को भी प्रति भेजी है। इसके पहले यही शिकायत एंटी भू माफिया पोर्टल पर भी की जा चुकी है।

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विधायक ने बनाया दबाव
प्रबंधक का आरोप है कि विद्यालय के बराबर में गाटा संख्या 11 पर 0.437 हेक्टेयर जमीन खाली है। यहां निर्माण शुरू कराते ही नगर निगम रुकवा देता है। हाईकोर्ट ने डीएम को दो माह में मामला निपटाने को कहा। निगम व प्रशासन की पक्ष में आख्या के बावजूद डीएम ने विधायक के दवाब में कुछ नहीं किया। अवमानना याचिका डाली तो डीएम ने कोर्ट में माना कि मालिकाना हक विद्यालय का है, किंतु जल प्लवित होने के चलते निर्माण की अनुमति नहीं दे सकते।

डीएम के तर्क गलत
डीएम के तर्क को गलत बताते हुए प्रबंधक ने कहा कि लेखपाल व कानूनगो ने लिखा है कि वहां कोई तालाब नहीं है। इसके बावजूद कोल विधायक ने नगर निगम से 72 लाख के खर्च से सुंदरीकरण का टेंडर करा दिया। पत्र में कहा है कि विधायक का बगल में ही श्रीराम बैंक्वेट हॉल है। वह यहां पार्किग बनाना चाहते हैं। इसी कारण विधायक ने 23 अगस्त-17 को मुख्यमंत्री से झूठी शिकायत की। कहा, 1965 से चल रहे विद्यालय में 850 बच्चे पढ़ते हैं। कन्या महाविद्यालय का शिलान्यास गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किया है, लेकिन नगर निगम ने शिलापट्टिका तोड़ ही तोड़ डाली।

कुकृत्य छिपाने के लिए प्रबंधन ने लगाए घटिया आरोप
कोल विधायक अनिल पाराशर का कहना है कि विद्यालय प्रबंधन अपने कृत्यों को छिपाने के लिए ऐसे घटिया आरोप लगा रहा है। मैं तो तालाब व पोखर बचाने का काम कर रहा हूं। कुछ समय पहले ये लोग मेरे पास आए थे कि प्रशासन से जमीन दिला दूं। मैंने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो झूठे आरोपों पर उतर आए। प्रशासन व नगर निगम अपना काम ठीक तरह से कर रहा है। शहर के बुजुर्गो को मालूम है कि कुछ दशक पहले तक वहां कितना बड़ा तालाब था और आज इन लोगों ने क्या स्थिति बना दी?


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