Droupadi Murmu: एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को केंद्र ने Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की
President Election 2022 यह कदम भाजपा द्वारा द्रौपदी मुर्मू को मंगलवार को सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित करने के एक दिन बाद आया है।निर्वाचित होने परओडिशा की 64 वर्षीय नेता भारत की राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी और दूसरी महिला होंगी।
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्र सरकार ने एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों द्वारा चौबीसों घंटे 'जेड प्लस' श्रेणी का सशस्त्र सुरक्षा कवच प्रदान किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। यह कदम भाजपा द्वारा झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को मंगलवार को सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित करने के एक दिन बाद आया है। निर्वाचित होने पर, ओडिशा की 64 वर्षीय नेता भारत की राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी और दूसरी महिला होंगी।
मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने एएनआई को बताया कि गृह मंत्रालय से मंगलवार शाम को मिले आदेश के बाद सीआरपीएफ ने बुधवार सुबह से मुर्मू को सुरक्षा मुहैया कराई है।
जमीनी स्तर की राजनेता, मुर्मू के नाम प्रथम स्थान पर हैं। वह किसी भी राज्य के राज्यपाल के रूप में नियुक्त होने वाली ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता थीं। उन्होंने 2015 से 2021 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया, जो राज्य में कार्यकाल पूरा करने वाली पहली राज्यपाल थीं।
उनका राजनीतिक जीवन तब शुरू हुआ जब उन्होंने ओडिशा के रायरंगपुर में पार्षद के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। बाद में उन्होंने 2000 में रायरंगपुर से विधानसभा चुनाव जीता और राज्य में बीजद-भाजपा सरकार में मंत्री बनीं। एक विधायक और राज्य मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में उन्होंने बहुत सम्मान अर्जित किया।
गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। चार राज्यों में अनुसूचित जनजातियों के लिए 128 सीटें आरक्षित हैं, जिनमें से भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में सिर्फ 35 सीटें जीती थीं।
मालूम हो कि द्रौपदी मुर्मू के पास वृहद प्रशासनिक अनुभव है। वह ओडिशा में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य एवं पशुपालन विभाग की मंत्री रही हैं।-64 वर्षीय मुर्मू ने राजनीतिक करियर का आरंभ पार्षद के रूप में किया और बाद में ओडिशा के रायरंगपुर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की वाइस चेयरमैन बनीं।-संताल आदिवासी समुदाय से आने वाली मुर्मू ने झारखंड के राज्यपाल के तौर पर भी अपनी प्रशासनिक दक्षता की छाप छोड़ी है।