राष्ट्रपति कोविंद ने कहा- धन का दान करने पर सम्मान मिलता है, जमा करने से नहीं
राष्ट्रपति ने मंगलवार को कहा कि सीएसआर गतिविधियों के जरिये विकास की चुनौतियों के लिए नवोन्मेषी समाधान ढूंढे जा सकते हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कंपनियों को सुझाव दिया है कि वे कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत अनाथ और दिव्यांग लोगों के कल्याण के लिए अधिक राशि खर्च करें। राष्ट्रपति ने मंगलवार को कहा कि सीएसआर गतिविधियों के जरिये विकास की चुनौतियों के लिए नवोन्मेषी समाधान ढूंढे जा सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा धन का दान करने पर सम्मान मिलता है
यहां पहले राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे कोविंद ने कहा कि धन का दान करने पर सम्मान मिलता है, उसे जमा करने पर नहीं। कंपनी कानून, 2013 के तहत सीएसआर प्रावधान एक अप्रैल, 2014 से लागू हुए हैं। इस कानून के तहत कुछ निश्चित श्रेणी की मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को अपने तीन साल के औसत शुद्ध लाभ का दो फीसद एक वित्त वर्ष में सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना होता है।
अधिक राशि खर्च करने की दी सलाह
राष्ट्रपति ने कहा कि 2014-15 से कंपिनयां हर साल सीएसआर पर 10,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करती हैं। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण गतिविधियों पर खर्च करने के लिए संसाधन, इच्छाशक्ति और रूपरेखा अहम होते हैं। उन्होंने सवाल किया कि हमें किसकी अधिक मदद करनी चाहिए..? साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि अनाथों और दिव्यांगों पर अधिक खर्च किया जाना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि 2030 तक प्रत्येक अनाथ की देखरेख की जा सकेगी। अब से राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कार हर साल दो अक्टूबर को दिए जाएंगे।
समारोह के बाद महिला पुलिसकर्मी को देखने पहुंचे राष्ट्रपति
समारोह समाप्त होने के बाद राष्ट्रपति उस महिला पुलिसकर्मी के पास पहुंचे जो गिर गई थी। दिल्ली की महिला पुलिसकर्मी विज्ञान भवन में मंच के सामने खड़ी थी। जिस समय राष्ट्र गान बजाया जा रहा था उसी दौरान वह गिर गई और बैठ गई। राष्ट्र गान समाप्त होने के बाद कोविंद को निर्मला सीतारमण और अनुराग सिंह ठाकुर के साथ बातचीत करते देखा गया। इसके बाद राष्ट्रपति सुरक्षाकर्मियों के साथ मंच से उतरकर महिला पुलिसकर्मी तक पहुंचे। आम तौर पर राष्ट्र गान समाप्त होने के तुरंत बाद ही राष्ट्रपति कार्यक्रम स्थल से विदा हो जाते हैं।