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देश के 14वें राष्ट्रपति बनें रामनाथ कोविंद, यहां पढ़ें राष्ट्रपति का पूरा भाषण

रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Tue, 25 Jul 2017 12:50 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jul 2017 02:03 PM (IST)
देश के 14वें राष्ट्रपति बनें रामनाथ कोविंद, यहां पढ़ें राष्ट्रपति का पूरा भाषण
देश के 14वें राष्ट्रपति बनें रामनाथ कोविंद, यहां पढ़ें राष्ट्रपति का पूरा भाषण

नई दिल्ली (जेएनएन)। देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविदं ने आज राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। भारत के मुख्य न्यायधीश जस्टिस खेहर ने उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। 

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शपथ ग्रहण के बाद रामनाथ कोविंद ने कहा, 'मैं सभी नागरिकों को नमन करता हूं और विश्वास जताता हूं कि उनके भरोसे पर खरा उतरुंगा। मैं अब राजेंद्र प्रसाद, राधाकृष्णन, एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब दा की विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं। मैं पूरी विनम्रता के साथ ये पद ग्रहण कर रहा हूं। मैं बहुत छोटे से गांव में मिट्टी के घर में पला बढ़ा हूं। ये मेरी नहीं सभी की कहानी रही है। सेंट्रल हॉल में पुरानी यादें ताजा हो गई, सेंट्रल हॉल में मैंने विचार-विमर्श किया। कई बार आप विचारों से सहमत होते तो कभी असहमत होते हैं और मैंने विचारों का सम्मान करना इसी सेंट्रल हॉल में सीखा है।'

 राष्ट्रपति ने कहा कि 21वीं सदी भारत की सदी होगी और हमें ऐसा भारत बनाना है जो आर्थिक नेतृत्व दे। हमें गांधी जी और दीनदयाल उपाध्याय के सपनों के भारत का निर्माण करना है। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'आज पूरे विश्व में भारत का महत्व, विश्व समुदाय अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के लिए हमारी ओर देख रहा है। हमें गांधी जी और दीनदयाल उपाध्याय के सपनों के भारत का निर्माण करना है। हम सब एक हैं और एक ही रहेंगे। विविधता ही हमारे देश की ताकत है।'

राष्ट्रपति ने कहा, 'हमें सभी समस्या का हल बातचीत से करना होगा, डिजिटल राष्ट्र हमें आगे बढ़ाएगा। सरकार अकेले ही विकास नहीं कर सकती है, इसके लिए सभी को साथ आना होगा। हमें भारत की विविधता पर गर्व है, हमें देश के कर्तव्यों पर गर्व है, हमें देश के नागरिक पर गर्व है। देश का हर नागरिक राष्ट्रनिर्माता है। भारत के सशक्त बल इस देश के राष्ट्रनिर्माता है, इस देश का किसान राष्ट्रनिर्माता हैं। हमारे देश में महिलाएं भी खेतों में काम करती हैं, वो सभी राष्ट्रनिर्माता हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति किसी खेत में आम से अचार बनाने का स्टार्ट अप कर रहा है वे सभी राष्ट्रनिर्माता हैं।

देश के नागरिक ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक अपने प्रतिनिधि चुनते हैं. हमें उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना है। पूरा विश्व भारत की ओर आकर्षित है, अब हमारे देश की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दूसरे देशों की मदद करना भी हमारा दायित्व है। वर्ष 2022 में देश अपनी आजादी के 75 साल पूरा कर रहा है, हमें इसकी तैयारी करनी चाहिए। हमें तेजी से विकसित होने वाली मजबूत अर्थव्यवस्था, शिक्षित समाज का निर्माण करना होगा। इसकी कल्पना महात्मा गांधी और दीनदयाल उपाध्याय ने की थी।

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