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नए अभियान की तैयारी में जुटा इसरो

मंगल अभियान की सफल शुरुआत के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक और अभियान की तैयारी में जुट गया है। इसरो 15 दिसंबर को स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन से लैस जीएसएलवी (जिओ सिंक्रोनस लांच वेहिकल) का परीक्षण करेगा। इसरो के लिए यह परीक्षण बेहद खास है।

By Edited By: Published: Wed, 06 Nov 2013 12:22 AM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2013 12:31 AM (IST)
नए अभियान की तैयारी में जुटा इसरो

बेंगलूर। मंगल अभियान की सफल शुरुआत के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक और अभियान की तैयारी में जुट गया है। इसरो 15 दिसंबर को स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन से लैस जीएसएलवी (जिओ सिंक्रोनस लांच वेहिकल) का परीक्षण करेगा। इसरो के लिए यह परीक्षण बेहद खास है। अगर यह सफल रहा तो भारत प्रक्षेपण क्षेत्र में पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बन जाएगा। अभी भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए इसरो को दूसरे देशों की मदद लेनी पड़ती है।

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इसरो के अध्यक्ष के. राधाकृष्णन ने कहा, 'अपनी पूरी ताकत झोंककर हमने जीएसएलवी को विकसित किया है। इसकी फिटिंग का काम श्रीहरिकोटा में 18 अक्टूबर से शुरू हो चुका है। 15 दिसंबर को परीक्षण के लिए इसे प्रक्षेपित किया जाएगा।' यह 49 मीटर ऊंचा है और इसका वजन 414 टन है।

गौरतलब है कि 15 अप्रैल, 2010 को जीएसएलवी-डी 3 की पहली उड़ान असफल रही थी। इसरो ने इस वर्ष 19 अगस्त को एक और कोशिश की लेकिन उड़ान भरने से महज दो घंटे पहले ईधन के रिसाव के कारण इसे रद करना पड़ा। अब 15 दिसंबर को इसरो एक बार फिर इसकी प्रक्षेपण की तैयारी में जुट गया है।

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