Cheetahs in India: नामीबिया से चीता लाने की तैयारी पूरी; अगले हफ्ते तक हो सकता है एमओयू, दोनों देशों के बीच बनी सहमति
देश में चीतों को बसाने की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। सूत्रों की मानें तो अगले हफ्ते तक नामीबिया के साथ इस बारे में एमओयू साइन हो जाएगा। इसके साथ ही चीतों को भारत में लाने का इंतजार खत्म हो जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीतों का इंतजार अब शायद खत्म हो जाएगा। अगले हफ्ते तक नामीबिया के साथ एमओयू हो जाएगा जिसमें पूरा खाका होगा कि चीतों को कैसे, कितनी संख्या में कब लाया जाएगा। वन एवं पर्यावरण से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक फिलहाल एमओयू को लेकर दोनों देशों के विदेश मंत्रालय तेजी से काम कर रहे है। इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र के वन्यजीवों पर काम करने वाले संगठन के साथ भी अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव कानूनों को लेकर चर्चा चल रही है।
एक दूसरे से साझा किए प्रस्ताव
दोनों देशों ने इस संबंध में अपने प्रस्ताव भी एक दूसरे के साथ साझा किए है। फिलहाल चीतों को लेकर अब कोई रोड़ा नहीं है। ऐसे में अब जल्द ही दोनों देशों के बीच एमओयू हो जाएगा। जिसके बाद चीतों को लाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
अगले पांच वर्षों में लाए जाएंगे चीते
सूत्रों की मानें तो चीतों को फिर से बसाने को जो प्रस्ताव तैयार किया है, उनमें अगले पांच सालों में 30 से 35 चीतों को लाया जाएगा। लेकिन अभी सिर्फ आठ से दस चीते ही लाए जाएंगे। इनमें नर और मादा भी शामिल होंगे। इस बीच चीतों के लिए जो ठिकाना चुना गया है, वह मध्य प्रदेश का कूनो पालपुर अभयारण्य है। जहां चीतों को रखने से जुड़ी सारी तैयारी पूरी हो गई है।
योजना में आई तेजी
गौरतलब है कि चीतों को फिर से बसाने की इस योजना में तेजी तब आयी है, जब फरवरी में भारतीय वन्यजीव विशेषज्ञों की टीम नामीबिया का दौरा करके लौटी। इस दौरान दोनों देशों के बीच चीतों के रख- रखाव सहित दूसरे सभी पहलुओं पर भी सहमति दिखाई दी है। गौरतलब है कि देश में वर्ष 1952 में ही चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया था।