मप्र में अधिमान्य पत्रकार भी अब फ्रंटलाइन वर्कर, सीएम ने कहा- जान जोखिम में डालकर कर रहे हैं काम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में सभी अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को हमने फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने का फैसला किया है। उनका पूरा ध्यान रखा जाएगा और चिंता की जाएगी। उन्होंने कहा कि कई पत्रकारों को अधिमान्यता का दर्जा नहीं होता है।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए मैदानी स्तर पर मोर्चा संभाल रहे डॉक्टर, नर्स और पुलिसकर्मियों की तरह अब अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार भी फ्रंटलाइन वर्कर माने जाएंगे। इन्हें टीकाकरण से लेकर वे सभी सुविधाएं प्राप्त होंगी, जो फ्रंटलाइन वर्कर को मिलती हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह निर्णय लिया है। ओडिशा और बिहार में भी पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर माना गया है। मुख्यमंत्री ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि पत्रकार कोरोना के खतरनाक काल में अपनी जान जोखिम में डालकर अपने धर्म का निर्वाह कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में सभी अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को हमने फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने का फैसला किया है। उनका पूरा ध्यान रखा जाएगा और चिंता की जाएगी।
सरकार के इस फैसले की केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा सहित कई नेताओं ने सराहना की है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने सरकार के इस कदम को जायज ठहराते हुए इसके दायरे में गैर अधिमान्यता वाले पत्रकारों को भी शामिल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कई पत्रकारों को अधिमान्यता का दर्जा नहीं होता है। वे भी इस संकटकाल में अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं।