सुनामी के दस साल होने पर तमिलनाडु में श्रद्धांजलि सभाएं
दस साल पहले 26 दिसंबर के दिन दक्षिण एशिया के कई देशों में मौत का जलजला लाने वाली सुनामी की लहरें अपने पीछे गमों का सैलाब छोड़ गई थीं। तमिलनाडु में भी सुनामी ने करीब 7,000 लोगों की जिंदगी छीन ली थी। तबाही के 10 साल बीतने पर शुक्रवार को
चेन्नई। दस साल पहले 26 दिसंबर के दिन दक्षिण एशिया के कई देशों में मौत का जलजला लाने वाली सुनामी की लहरें अपने पीछे गमों का सैलाब छोड़ गई थीं। तमिलनाडु में भी सुनामी ने करीब 7,000 लोगों की जिंदगी छीन ली थी। तबाही के 10 साल बीतने पर शुक्रवार को यहां श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की गईं और रैलियां निकाली गईं।
चेन्नई और नागपट्टनम में सबसे ज्यादा श्रद्धांजलि सभाएं हुईं। इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के करीब समुद्र में आए भूकंप के कारण उठी भीषण लहरों के कारण भारत में चेन्नई और नागपट्टनम में ही सबसे ज्यादा तबाही हुई थी। मछुआरों के संगठनों ने आपदा पीडि़तों को श्रद्धांजलि देने के लिए विभिन्न सभाओं का आयोजन किया। साथ ही पीडि़तों के परिजनों के साथ मिलकर चेन्नई के मरीना बीच पर समुद्र को दूध चढ़ाकर दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि दी। नागपट्टनम के तटीय इलाकों में मृतकों को एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। सभाओं में आपदा में जान गंवाने वालों के चित्रों वाले बैनर और होर्डिग लगाए गए तो मौन जुलूस भी निकाले गए।
श्रीलंका में पटरी पर 'समुद्र देवी'
पेरेलिया। 10 साल पहले श्रीलंका में विशाल लहरों की चपेट में आने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुई 'समुद्र देवी' शुक्रवार को फिर से पटरी पर दौड़ी। इस हादसे में बचे लोगों और मृतकों के परिजनों के साथ कोलंबो से ट्रेन ठीक उसी समय रवाना हुई जिस समय वह 26 दिसंबर 2004 को गंतव्य के लिए निकली थी। कोलंबो से दो घंटे दूर ट्रेन पेरेलिया में उसी जगह ठहरी जहां लहरों ने उसे बेपटरी कर दिया था। उल्लेखनीय है कि 10 साल पहले सुनामी ने श्रीलंका में भारी पैमाने पर तबाही मचाते हुए करीब 40 हजार लोगों की जान ली थी।
वहीं इंडोनेशिया में भी मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई। आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित प्रांत असेह सुनामी से दो लाख 21 हजार लोगों की मौत हो गई थी जबकि आठ लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए थे।