विशेष दर्जे की मांग को लेकर 'आंध्र प्रदेश बंद', सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी, वाहन फूंके
सुबह होते ही राज्य में अलग-अलग जगह प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इस विरोध प्रदर्शन का विपक्षी दल भी समर्थन कर रहे हैं।
विशाखापत्तनम, (एएनआइ)। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग को लेकर होडा साधना समिति ने आज आंध्र प्रदेश बंद का ऐलान किया है। सुबह होते ही राज्य में अलग-अलग जगह प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। तिरुपति में आरटीसी बस स्टैंड के पास प्रदर्शनकारियों ने एक मोटरसाइकिल में लगाई आग। इस विरोध प्रदर्शन का विपक्षी दल भी समर्थन कर रहे हैं।
विशेष राज्य की मांग के साथ सोमवार सुबह आंध्र प्रदेश प्रत्येक होडा साधना समिति से जुड़े लोग सड़कों पर उतरे। आंध्र प्रदेश बंद के चलते कर्नाटक परिवहन की बसें केवल आंध्र प्रदेश सीमा तक ही जाएंगी। राज्य में एहतियातन पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है। विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस, कांग्रेस और लेफ्ट भी इस बंद का समर्थन कर रहे हैं। इससे पहले भी अपनी मांग को लेकर तेलुगू देशम पार्टी के कार्यकर्ता पीएम आवास के सामने भी प्रदर्शन कर चुके हैं। इसी मुद्दे पर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के पांच सांसद लोकसभा से इस्तीफा भी दे चुके हैं।
टीडीपी ने एनडीए से गठबंधन तोड़ा
आंध्र को स्पेशल स्टेटस के मुद्दे पर टीडीपी ने एनडीए से गठबंधन तोड़ लिया। पार्टी ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था लेकिन लाया नहीं जा सका। टीडीपी की मांग को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा, तो बिहार, झारखंड और ओडिशा समेत तमाम राज्य ऐसी मांग कर सकते हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र में शामिल अपने मंत्रियों से इस्तीफा देने को कहा था।
क्या है विशेष दर्जा
हालांकि भारत के संविधान में किसी राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने का प्रावधान नहीं है, इसके बावजूद केंद्र सरकार ने कुछ राज्यों को आर्थिक रूप से सहायता दी है। इस विशेष दर्जे के तहत किसी केंद्र प्रायोजित योजना के लिए जरूरी फंड का 90 फीसद केंद्र ही देता है। सामान्य दर्जे वाले राज्यों को केंद्र सरकार 60 फीसद फंड देती है। बाकि फंड राज्य सरकार वहन करती हैं। एक्साइज ड्यूटी में छूट दी जाती है जिससे राज्य अपने क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों को आमंत्रित कर सकें।