ब्रिटेन से महाराजा दलीप सिंह के अंतिम अवशेष लाने की अपील
बाजवा ने संसद भवन कार्यालय में मोदी से मुलाकात के दौरान इराक के मोसुल में मारे गए 39 भारतीयों के परिजनों को वित्तीय मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की अपील की है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पंजाब के कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करके महाराजा दलीप सिंह के अंतिम अवशेष इंग्लैंड से भारत लाकर अमृतसर में उनका सिख रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कराने की अपील की है। बाजवा ने बुधवार को संसद भवन कार्यालय में मोदी से मुलाकात के दौरान इराक के मोसुल में मारे गए 39 भारतीयों के परिजनों को वित्तीय मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की अपील की है।
बाजवा ने पीएम मोदी को पत्र देकर कहा कि पंजाब में 1799 से 1839 तक शासन करने वाले महाराजा रंजीत सिंह के सबसे छोटे बेटे महाराजा दलीप सिंह के अवशेष जल्द से जल्द भारत लाए जाएं। पंजाब पर 29 मार्च, 1849 में ब्रिटेन का कब्जा होने के बाद दलीप सिंह को 15 साल की उम्र में देश से निर्वासित कर इंग्लैंड भेज दिया गया था। वहां उन्हें जबरदस्ती ईसाई धर्म अपनाना पड़ा। उन्हें अपने शुरुआती सालों में अपनी मां से मिलने नहीं दिया गया। वर्ष 1861 में दोबारा मां से मिलने पर उन्हें भारत में सिख शासन के समृद्ध इतिहास का पता चला। उन्होंने फिर से सिख धर्म अपना लिया और अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया। पीसीसी के पूर्व प्रमुख बाजवा ने पत्र में कहा कि महाराज का निधन पेरिस में 55 साल की उम्र में 22 अक्टूबर, 1893 में हो गया था।