पद से हटने से पहले प्रणब मुखर्जी ने आइआइटी प्रोफेसर की नौकरी की बहाल
मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने पिछले हफ्ते आइआइटी-खड़गपुर के निदेशक को प्रणब मुखर्जी के फैसले का पालन करने का आदेश जारी किया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पद छोड़ने से पहले आइआइटी-खड़गपुर के प्रोफेसर राजीव कुमार को राहत देते हुए उनकी नौकरी बहाल कर दी। कुमार को आइआइटी प्रवेश परीक्षा में धांधली उजागर करने के बाद जबरन सेवानिवृत्ति दे दी गई थी। पिछले महीने राष्ट्रपति पद छोड़ने से पहले मुखर्जी ने कुमार को दी गई सजा को रद कर दिया था।
मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने पिछले हफ्ते आइआइटी-खड़गपुर के निदेशक को प्रणब मुखर्जी के फैसले का पालन करने का आदेश जारी किया। एचआरडी मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, प्रोफेसर राजीव कुमार द्वारा तीन सितंबर 2014 को दाखिल की गई याचिका का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने आइआइटी-खड़गपुर के विजिटर की हैसियत से प्रोफेसर कुमार की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सजा को निरस्त कर दिया। इस सिलसिले में संपर्क करने पर कुमार ने टिप्पणी करने से मना कर दिया।
आइआइटी-खड़गपुर ने मई 2011 में उन्हें निलंबित कर दिया था। उसी साल सुप्रीम कोर्ट ने आइआइटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा में सुधार के उनके प्रयासों की सराहना की थी। लैपटॉप खरीदारी में गड़बड़ी और परीक्षा में छात्रों के नकल करने जैसे आरोप लगाने पर कुमार को संस्थान की छवि बिगाड़ने वाला बताया गया था। संस्थान ने इस संबंध में जांच समिति बनाई जिसने कुमार को दोषी पाया। इसके खिलाफ कुमार दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे जिसने आइआइटी के फैसले पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा कुमार ने राष्ट्रपति से फैसले को रद करने की गुहार भी लगाई थी।
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