दो अवसरों पर पीएम पद पर थी प्रणब मुखर्जी की नजर, किताब में खुलासा
मुखर्जी ने किताब में लिखा है कि 18 मई 2004 को सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री बनने के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद इस पद के लिए उनकी पसंद को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को दो अवसरों पर खुद के प्रधानमंत्री के तौर पर चयन की उम्मीद थी। पहली बार 2004 में संप्रग के सत्ता में आने पर और फिर 2012 में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उन्हें ऐसा लगा था। पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी किताब 'कोलिएशन ईयर्स: 1996-2012' में यह स्वीकार किया है।
मुखर्जी ने किताब में यह भी लिखा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री के लिए मनमोहन सिंह के नाम की घोषणा के बाद वह कैबिनेट मंत्री के तौर पर सिंह के तहत काम करने को अनिच्छुक थे, क्योंकि इंदिरा गांधी की सरकार में जब वह वित्त मंत्री थे तब सिंह उनके जूनियर थे। हालांकि मुखर्जी ने मनमोहन सिंह को 'एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' बताने को बकवास करार दिया है। उन्होंने लिखा है कि भविष्य में मनमोहन सिंह के काम को अलग दृष्टिकोण से आंका जाएगा जैसा कि आज पीवी नरसिम्हा राव का आकलन किया जा रहा है।
मुखर्जी ने किताब में लिखा है कि 18 मई 2004 को सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री बनने के संप्रग नेताओं के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद इस पद के लिए उनकी पसंद को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं। कांग्रेस में यह आम राय थी कि पार्टी मामलों और प्रशासनिक अनुभव रखने वाला राजनेता प्रधानमंत्री बनेगा। ऐसे में जो अटकलें चल रही थीं उसके अनुसार उनके प्रधानमंत्री के तौर पर सोनिया की पसंद होने की उम्मीद थी। लेकिन अंत में सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह का चयन किया और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया। मुखर्जी ने कहा कि यह सच्चाई थी कि वह सरकार में शामिल होना नहीं चाहते थे और सोनिया को इसकी जानकारी दे दी थी। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार में शामिल होने के लिए जोर दिया और कहा कि इससे सिंह को समर्थन मिलेगा।
दूसरी बार जून 2012 में राष्ट्रपति चुनाव के प्रत्याशी के चयन से पहले मुखर्जी को उम्मीद थी कि उन्हें सरकार का नेतृत्व करने को कहा जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति ने लिखा है कि सोनिया गांधी ने जब प्रत्याशी के लिए उनके साथ चर्चा की, तब उनके मन में विचार आया कि वह मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति प्रत्याशी बना सकती हैं। सिंह के राष्ट्रपति बनने पर कांग्रेस अध्यक्ष उन्हें प्रधानमंत्री के तौर पर चुन सकती हैं।
यह भी पढ़ें: जन्मजात विद्रोही हैं ममता बनर्जी- प्रणब मुखर्जी