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Pranab Mukherjee Birth Anniversary: आज प्रणब मुखर्जी को याद कर रहा देश, उनकी जयंती पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दी श्रद्धांजलि

आज पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की जयंती है। इस अवसर पर देश उन्हें याद कर रहा है। कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले दिवंगत प्रणब दा का जन्म पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के मिरती गांव में 11 दिसंबर 1935 को जन्म हुआ था।

By Pooja SinghEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 11:21 AM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 11:21 AM (IST)
Pranab Mukherjee Birth Anniversary: आज प्रणब मुखर्जी को याद कर रहा देश, उनकी जयंती पर  लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दी श्रद्धांजलि
Pranab Mukherjee Birth Anniversary: आज प्रणब मुखर्जी की जयंती।

नई दिल्ली, जेएनएन। देश आज दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को याद कर रहा है। आज ही के दिन पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के मिरती गांव में 11 दिसंबर ,1935 को उनका जन्म हुआ। देशभर में आज उनकी जयंती मनाई जा रही है। इस खास अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें याद करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा,'भारत रत्न से सम्मानित पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी जी की जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। समर्पण भाव से संविधान प्रदत्त जिम्मेदारियां निभाते हुए देशहित में किये गए कार्यों के लिए मुखर्जी जी का जीवन हम सब के लिए सदैव अनुकरणीय रहेगा'।

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प्रणब मुखर्जी दशकों तक कांग्रेस के संकटोमचक रहे हैं उन्हें देश के सर्वाधिक सम्मनित राजनेताओं में भी शुमार किया जाता है। 11 दिसंबर 1935 को उनका जन्म हुआ था। इसी साल 31 अगस्त को 84 उम्र में उनका निधन हो गया था। प्रणब मुखर्जी सियासी गलियारे में प्रणब दा के नाम से जाना जाता है। राजनीति में उनका काफी लंबा अनुभव रहा, जिसका लोह सभी मानते हैं। यूपीए सरकार में प्रणब मुखर्जी के पास वित्त मंत्रालय संभालने के अलावा कई अहम जिम्मेदारियां रही थी। बता दें कि प्रणब दा को देश की उल्लेखनीय सेवाओं के लिए उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है। उनके लंबे राजनीतिक जीवन में तीन बार ऐसे मौके आए जब ऐसा लगा था कि वह प्रधानमंत्री बनेंगे लेकिन वह तीनों बर पीएम बनन से चूक गए। 

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1969 में हुई थी। उस दौरान उन्होंने मिदनापुर उपचुनाव में वीके कृष्णा मेनन का कैंपन काफी सफलतापूर्व संभाला था। उनकी इस सफलता को देखकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी काफी प्रभावित हुई थी। इंदिरा गांधी ने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करते हुए वर्ष 1969 में ही राज्यसभा का टिकट दिया और प्रणब दा उच्च सदन में पहुंच गए थे। इसके बाद इसके बाद वे 1975, 1981, 1993 और 1999 में भी राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे। 


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