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NEET अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने मांगी और जानकारी

केंद्र सरकार की ओर से अध्यादेश भेजे कई दिन बीत जाने के बावजूद राष्ट्रपति ने इस मामले पर कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट पहले ही आदेश जारी कर चुका है

By Atul GuptaEdited By: Published: Tue, 24 May 2016 01:20 AM (IST)Updated: Tue, 24 May 2016 07:44 AM (IST)
NEET अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने मांगी और जानकारी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मेडिकल की नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) पर असमंजस की स्थिति दूर होने का नाम नहीं ले रहा है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को नीट अध्यादेश को लेकर कुछ बिंदुओं पर और जानकारी तथा स्पष्टीकरण मांगा। अध्यादेश को लेकर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी।

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इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति की ओर से मांगी गई अतिरिक्त जानकारी उनके पास भेज दी गई है। सरकार ने एक साल के लिए राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेजों को नीट परीक्षा से बाहर रखने के अध्यादेश लाने का फैसला किया है। राष्ट्रपति मंगलवार को चीन के चार दिन के दौरे पर रवाना हो जाएंगे।

सोमवार दोपहर नड्डा ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें नीट संबंधी अध्यादेश की जरूरत समझाई। आधे घंटे से ज्यादा चली इस बैठक के दौरान उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और विभिन्न दलों की ओर से जताई गई राय को सामने रखा। नड्डा ने राज्य बोर्डों की विभिन्न परीक्षाओं, पाठ्यक्रम और क्षेत्रीय भाषाओं के बारे में बताया। बताया जाता है कि प्रणब मुखर्जी इससे संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने अतिरिक्त जानकारी मांगी।

केंद्र सरकार की ओर से अध्यादेश भेजे कई दिन बीत जाने के बावजूद राष्ट्रपति ने इस मामले पर कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट पहले ही आदेश जारी कर चुका है कि इसी वर्ष से इसे सभी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए लागू किया जाए। यह फैसला देने से पहले कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ ही परीक्षा आयोजित करने वाले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) से भी उनकी तैयारी के बारे में पूछ लिया था। तब सभी ने इस परीक्षा को इसी वर्ष से लागू करने पर सहमति जताई थी।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ही राज्य सरकारों ने वहां भी अपने एतराज दर्ज करवाए थे। मगर सुप्रीम कोर्ट ने उनको ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए इसे इसी वर्ष से लागू करवाने को कह दिया था। इसके बाद जुलाई के अंत में इसकी तारीख भी तय कर दी गई। मगर इस फैसले के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक बुलाई। इस बैठक में राज्यों ने इसे एक साल के लिए टाल देने का अनुरोध किया।

पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने कैबिनेट बैठक कर इसे राज्य सरकारों के कॉलेजों में एक साल के लिए लागू नहीं करने का अध्यादेश लाने का फैसला किया। मगर अब तक इस पर राष्ट्रपति की मुहर नहीं लग पाने की वजह से कोई फैसला नहीं हो सका है। अगर सरकार यह अध्यादेश ले भी आती है तो इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटता हुआ अध्यादेश लाने के लिए सरकार की खिंचाई भी हो सकती है।

पढ़ें- नीट पर राष्ट्रपति को अध्यादेश की जरूरत समझाई नड्डा ने


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