Aarey Protest: आरे कॉलोनी में घुसने से पहले हिरासत में लिए गए प्रकाश आंबेडकर
Aarey Protest दलित नेता एवं वंचित बहुजन आघाड़ी प्रमुख प्रकाश आंबेडकर को रविवार को मुंबई की आरे कॉलोनी में प्रवेश करने से पहले हिरासत में ले लिया गया।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। दलित नेता एवं वंचित बहुजन आघाड़ी प्रमुख प्रकाश आंबेडकर को रविवार को मुंबई की आरे कॉलोनी में प्रवेश करने से पहले हिरासत में ले लिया गया। कुछ देर बाद रिहा किए जाने पर आंबेडकर ने सरकार पर अपनी ताकत के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी सरकार में न भी आए तो वह आरे के वृक्षों को बचाने के लिए आंदोलन करती रहेगी।
पेड़ों को काटने का करेंगे विरोध
मुंबई मेट्रो रेल कार्पोरेशन (एमएमआरसीएल) द्वारा मेट्रो-3 का कारशेड बनाने के लिए शुक्रवार देर शाम से ही मुंबई के गोरेगांव स्थित हरित पट्टी आरे कॉलोनी में वृक्षों की कटाई चालू है। पर्यावरणप्रेमियों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। प्रकाश आंबेडकर आज इसी आंदोलन को समर्थन देने आरे कॉलोनी जा रहे थे, लेकिन शुक्रवार रात से ही इस इलाके में धारा 144 लागू होने के कारण आरे कॉलोनी में प्रवेश से पहले ही प्रकाश आंबेडकर को हिरासत में ले लिया गया।
कुछ देर बाद छोड़े जाने पर उन्होंने प्रेस से बात करते हुए कहा कि मुझे बताया गया कि अब तक 700 पेड़ काट दिए गए हैं। जबकि आरे की हरित पट्टी उसी तरह मुंबई को शुद्ध हवा प्रदान करती है, जैसे अरब सागर करता है। इसलिए वंचित बहुजन आघाड़ी शुरू से आरे के पेड़ों को काटने का विरोध करती रही है। हम वहां जाकर सरकार से कुछ वाजिब सवाल पूछना चाहते थे। मुझे गिरफ्तार नहीं किया गया है, बल्कि हिरासत में लिया गया है। अभी मैं पवई पुलिस थाने में हूं। अफवाहों पर भरोसा न करें। कृपया शांति-व्यवस्था बनाए रखें।
धारा 144 लगाई गई
दूसरी ओर 16 वर्ग किलोमीटर में फैली आरे कॉलोनी में के पांचों प्रवेशद्वारों से लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध अभी भी जारी है। पूरे इलाके में लोगों के गैरकानूनी जमाव को रोकने के लिए धारा 144 लगाई गई है। पुलिस के अनुसार यह तब तक जारी रहेगी, जब तक कि मेट्रो कारशेड – 3 के लिए जरूरी पेड़ों की कटाई पूरी नहीं हो जाती। पेड़ों की कटाई का काम शुक्रवार को उच्चन्यायालय का आदेश आने के बाद शुरू हुआ था। उच्चन्यायालय ने करीब 2700 पेड़ों की कटाई रोकने के लिए दायर चारों याचिकाएं खारिज कर दिया था।
इसके बावजूद शुक्रवार रात भर कुछ स्वयंसेवी संगठनों एवं पर्यावरणवादियों का हंगामा आरे कॉलोनी में जारी रहा था। इस दौरान विरोध कर रहे जिन 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया था उन्हें रविवार को अवकाशकालीन अदालत में पेश किया गया। इन सभी को 7000 रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई है। बताया जा रहा है कि निर्धारित संख्या में पेड़ों की कटाई का काम रविवार देर रात तक पूरा कर लिया जाएगा।
शिवसेना की सियासत पर उठते सवाल
आरे कॉलोनी में पेड़ों के काटे जाने के मुद्दे पर शिवसेना भी सरकार के खिलाफ खड़ी दिख रही है। लेकिन इस विरोध के कारण वह खुद सवालों के घेरे में आती जा रही है। उस पर दोतरफा नीति अपनाने का आरोप लगने लगा है। बता दें कि शिवसेना न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार में शामिल है, बल्कि पेड़ों को काटने का निर्णय करनेवाली महानगरपालिका में भी अकेले उसी की सत्ता है। उसके पेड़ों की कटाई के विरोध में खड़े होने पर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि वह सभी परिस्थितियों की जानकारी होते हुए भी आंदोलनकारियों के साथ खड़ी दिख रही है। दरअसल आरे का क्षेत्रफल लगभग 1300 हेक्टेयर का है । इसका बहुत छोटा सा हिस्सा 1.9 फीसद, अर्थात 25 हेक्टेयर स्थान मेट्रो कारशेड - 3 के लिए लिया जा रहा है।
आरे जंगल नहीं
आरे में पांच लाख से भी अधिक पेड़ हैं। जिसमें केवल 2642 पेड़ हटाये जाने हैं। आरे जंगल नहीं है। इसमें रिहायशी बस्तियां भी हैं। आरे से कई गुना बड़ा असली जंगल मुंबई के अंदर ही और इससे सटा हुआ संजय गांधी नेशनल पार्क है। आरे कॉलोनी में 2642 पेड़ हटेंगे। जिसमें से 460 पेड़ वहीं आसपास स्थानों पर लगाए जाने की योजना है। इसके एवज में 23,846 पेड़ दो साल पहले ही लगाए भी जा चुके हैं । जिनमें जियो टैगिंग है । जिससे पता चला है कि 95% अर्थात 22,653 पेड़ जीवित हैं । इसके बाद भी कटे हुए वृक्षों के लगभग छह गुना पेड़ और लगाए जाने की योजना है।