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India Coronavirus Lockdown: गर्दिश में आया हास्य का सितारा, पेट पालने को ठेले का सहारा

India Coronavirus Lockdown हास्य के रसगुल्लों से लोटपोट कराने वाले प्रदीप इन दिनों अपने पकौड़े चाट तथा छोले-भटूरे के स्वाद का लोहा मनवा रहे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 10:45 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 10:46 AM (IST)
India Coronavirus Lockdown: गर्दिश में आया हास्य का सितारा, पेट पालने को ठेले का सहारा
India Coronavirus Lockdown: गर्दिश में आया हास्य का सितारा, पेट पालने को ठेले का सहारा

अश्वनी त्रिपाठी, सहारनपुर। India Coronavirus Lockdown कोरोना की वैश्विक त्रसदी में इंसान भी परिदों की मानिंद ठिकाने बदलकर अपनी जिंदगी को महफूज कर रहा है। आम लोग ही नहीं यूपी-हरियाणा तथा पंजाब में हास्य मंचों के बड़े सितारों में शुमार सहारनपुर के प्रदीप पागल भी परिवार पालने के लिए हास्यमंच छोड़कर चाट का ठेला लगा रहे हैं। हास्य के रसगुल्लों से लोटपोट कराने वाले प्रदीप इन दिनों अपने पकौड़े, चाट तथा छोले-भटूरे के स्वाद का लोहा मनवा रहे हैं। कहते हैं, लॉकडाउन में पूरी जमा पूंजी समाप्त हो गई, परिवार पालने के लिए उन्होंने हाथ नहीं फैलाया। चाट के ठेले से दो पैसे कमाकर परिवार पाल रहे हैं।

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कोरोना काल में प्रदीप के 27 हास्य कार्यक्रम व बेटों के 45 बैंड प्रोग्राम रद हो गए। लॉकडाउन के बाद कुछ दिन तो बचत काम आई, फिर नगर निगम की सामुदायिक रसोई से बंटने वाला खाना खाकर परिवार की जिंदगी बचाई। अब वह पागल दी हट्टी नाम से फूड स्टॉल लगा रहे हैं। प्रदीप के दो बेटे हैं। पुत्र मधुकर बंदिश नाम से अपना बैंड चलाता है, दूसरा पुत्र सार्थक गायक है। कोरोना काल में दोनों दिल्ली से सहारनपुर आ गए। प्रदीप के अनुसार बेटों ने पुराना टेंपो खरीद लिया है, वह टेंपो चलाकर परिवार पालने में सहयोग कर रहे हैं।

प्रदीप पागल को जानिए : प्रदीप के पिता बनवारी लाल सफाईकर्मी थे। प्रदीप ने वेटर के काम से शुरुआत की। 15 रुपये रोज कमाते, बचे समय में आर्केस्ट्रा तथा शादियों में डांस व मिमिक्री करते। 1990 में उन्होंने ब्लू स्टार आर्केस्ट्रा बनाई। 1994 में वह पंजाब चले गए। इसके बाद मुंबई गए। वहां लाफ्टर चैलेंज में विनोद बजाज के साथ काम किया।

प्रदीप सर्वाधिक सुर्खियों में तब आए जब 2005 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित पीबीजी (द प्रेसीडेंट्स बॉडी गार्ड) एनुअल डे में उन्होंने हिस्सा लिया। तीन दिसंबर, 2005 को पंजाबी सिंगर वीरेंद्र विज के साथ बैंड पार्टी में शामिल होकर इन्होंने राष्ट्रपति भवन में अपनी प्रस्तुतियों से तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से प्रशंसा पाई। 1999 में बेस्ट एंकर अवार्ड, सहारनपुर रत्न अवार्ड, जिले और पड़ोसी राज्यों में हुए कार्यक्रमों में 60 से अधिक सम्मान इन्हें मिल चुके हैं।


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