ज्यादा बारिश होने से घटी बिजली की मांग : बिजली मंत्रालय
मंत्रालय की तरफ से यह भी बताया गया है कि पहली छमाही में पनबिजली उत्पादन में 16 फीसद की वृद्धि हुई है जो पिछले पांच वर्षो के दौरान सबसे बड़ी बढ़ोतरी है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अक्टूबर के महीने में देश में बिजली की मांग में भारी कमी और इसकी वजह से दर्जनों ताप बिजली संयंत्रों के उत्पादन में आई गिरावट पर सरकार ने सफाई दी है। सरकार का कहना है कि चालू वित्त वर्ष के पहले के महीनों में बिजली उत्पादन काफी स्वस्थ तरीके से बढ़ रहा है और अक्टूबर में जो गिरावट देखी गई है उसके पीछे देश के कई क्षेत्रों में सामान्य से ज्यादा बारिश जिम्मेदार है।
बिजली मंत्रालय की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से जुलाई, 2019 के बीच बिजली उपलब्धता में औसतन 6.5 से 8.5 फीसद का इजाफा हुआ है। पहली तिमाही में 7.5 फीसद का इजाफा हुआ है। अक्टूबर, 2019 में सामान्य से 35 फीसद ज्यादा बारिश हुई है, इस वजह से कृषि क्षेत्र में और घरेलू क्षेत्र में बिजली की कम खपत हो रही है। यही वजह है कि दूसरी तिमाही में बिजली की मांग पहली तिमाही में 7.5 फीसद से घट कर दूसरी तिमाही में 1.6 फीसद रह गई है।
मंत्रालय की तरफ से यह भी बताया गया है कि पहली छमाही में पनबिजली उत्पादन में 16 फीसद की वृद्धि हुई है जो पिछले पांच वर्षो के दौरान सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। दूसरी रिनीवल परियोजनाओं से पैदा होने वाली बिजली में 5 फीसद का इजाफा हुआ है। रिनीवल सेक्टर से ज्यादा बिजली पैदा होने से कुल उत्पादन में थर्मल पावर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली की हिस्सेदारी कम हो रही है।
सनद रहे कि केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) की रिपोर्ट बताती है कि अक्टूबर, 2019 में बिजली की मांग देश में 16 फीसद कम हुई है। देश में 130 ताप बिजली संयंत्र अपनी उत्पादन क्षमता का महज 48 फीसद ही उपयोग कर रहे हैं।