Power Crisis: एनटीपीसी लारा संयंत्र में उत्पादन हो सकता है प्रभावित, पांच राज्यों में गहरा सकता है बिजली संकट, जानें वजह
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ स्थित एनटीपीसी लारा संयंत्र से बिजली का उत्पादन संकट में पड़ गया है। इस संयंत्र से बिजली मध्य प्रदेश महाराष्ट्र गुजरात महाराष्ट्र गोवा व दमन दीव को भेजी जाती है। ऐसे में आने वाले दिनों में बिजली संकट गहराने के आसार हैं।
रायगढ़ (नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ स्थित एनटीपीसी लारा संयंत्र से बिजली का उत्पादन संकट में पड़ गया है। संयंत्र से निकलने वाले फ्लाई ऐश को राखड़ डैम तक ले जाने के रास्ते को ग्रामीणों ने खोदकर बाधित कर दिया है। एनटीपीसी भू-विस्थापित नौकरी की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। इससे बिजली उत्पादन घटने से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और दमन दीव में बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। एनटीपीसी लारा भू-विस्थापित और प्रबंधन एक बार फिर से आमने-सामने हैं।
बंंद किया रास्ता
फ्लाई ऐश को जिस रास्ते से निकाला जाता है, उसे खोदकर बंद कर दिया गया है। आने वाले दिनों में डैम में राखड़ भर जाएगा। इससे राख का निपटान समस्या बन जाएगी। दरअसल, जिस रास्ते से भारी वाहन राखड़ लेकर डैम जाते हैं, वह निजी जमीन पर है। ग्राम कांदागढ़ दशरथी प्रधान का दावा है कि उनकी जमीन का बिना अधिग्रहण किए पिछले नौ वर्षों से एनटीपीसी उस पर कब्जा जमाए हुए है।
यह है मामला
एनटीपीसी लारा 1600 मेगावाट प्रोजेक्ट में शुरआत से भू-विस्थापितों को नौकरी देने मुद्दा गहराया हुआ है। वहीं अब राखड़ डैम का बंद कर दिया गया है। इस संयंत्र से 800 मेगावाट छत्तीसगढ़ व 800 मेगावाट बिजली मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा व दमन दीव को भेजी जाती है।
बिजली उत्पादन में व्यवधान आना तय
डैम वाली भूमि का अधिग्रहण करने व लीज में लेने की प्रक्रिया की गई है परंतु ग्रामीण ने इन्कार कर दिया है। आगामी दिनों में राखड़ से डैम भर जाएगा। यह एनजीटी के निर्देश का उल्लंघन होगा। डिस्पोजल जरूरी है। इसकी व्यवस्था नहीं होने पर बिजली उत्पादन में व्यवधान आना तय है। - बीआर साहू, पीआरओ, एनटीपीसी लारा
नेपाल से भारत को बेची जा रही सरप्लस बिजली
वहीं दूसरी ओर नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) के अनुसार, नेपाल ने कालीगंडकी पनबिजली प्लांट से अपने विद्युत एक्सचेंज के माध्यम से भारत को अतिरिक्त 144 मेगावाट बिजली का निर्यात करना शुरू किया है। अच्छी बारिश होने से लगातार दूसरे वर्ष बिजली एक्सचेंज के माध्यम से भारत को सरप्लस बिजली बेची जा रही है। एनईए के उप-प्रमुख प्रदीप ठिके के अनुसार, बिजली बिक्री की औसत कीमत लगभग सात रुपये के आसपास है।