पीओएस सिस्टम से मध्य प्रदेश में थम गई सरकारी राशन की बंदरबांट, अब नहीं फटक रहे फर्जी गरीब
पिछले छह महीने में अकेले मध्य प्रदेश की पीडीएस दुकानों पर आठ करोड़ 73 लाख किलो गेहूं और दो करोड़ 93 लाख किलो चावल बच गया है।
हरिओम गौड़, श्योपुर। देश की राशन दुकानों पर गरीबों को सस्ती दरों पर मिलने वाले गेहूं-चावल के वितरण को पीओएस सिस्टम (अंगूठा लगा कर राशन वितरण) से जोड़ने के बाद फर्जी गरीब सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों के आसपास नहीं भटक रहे हैं। इसका असर यह हुआ कि पिछले छह महीने में अकेले मध्य प्रदेश की पीडीएस दुकानों पर आठ करोड़ 73 लाख किलो गेहूं और दो करोड़ 93 लाख किलो चावल बच गया है।
सरकार ने राशन की दुकानों के लिए पीओएस (पाइंट ऑफ सेल) सिस्टम लागू किया है। इसके तहत सितंबर में 2019 में श्योपुर समेत पूरे प्रदेश में पीडीएस दुकानों र्को ंफगर प्रिंट व्यवस्था से जोड़ दिया गया। श्योपुर में एक लाख 6 हजार 800 गरीब परिवार हैं जिन्हें पीडीएस दुकान से एक-एक रुपये किलो में गेहूं और चावल दिया जाता है। यहां 23 लाख 21 हजार 721 किलो गेहूं का आवंटन हुआ था, जो फरवरी में लुढ़ककर 12 लाख 71 हजार 293 किलो रह गया। यानी सितंबर की तुलना में फरवरी में अकेले श्योपुर में ही 10 लाख 50 हजार 428 किलो गेहूं बच रहा है।
पूरे मप्र की बात करें तो सितंबर में 52 जिलों को 22 करोड़ 28 लाख 72 हजार 105 किलो गेहूं आवंटित हुआ। इन्हीं जिलों को फरवरी में 13 करोड़ 55 लाख 52 हजार 763 किलो गेहूं दिया गया है। यानी प्रदेशभर में आठ करोड़ 73 लाख 19 हजार 342 किलो गेहूं बच गया है। बचे हुए गेहूं की मात्रा इतनी है कि चंबल-ग्वालियर संभाग के सातों जिले श्योपुर, ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड, दतिया, शिवपुरी, गुना के 11.44 लाख गरीबों (जिन्हें हर माह 1.35 करोड़ किलो गेहूं बंटता है) को छह माह तक बंट सकता है। इसी प्रकार बचा अनाज चार महानगरों भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और इंदौर के 12 लाख 13 हजार गरीब परिवारों (जिन्हें हर माह 1.52 करोड़ किलो गेहूं बंटता है) को साढ़े पांच माह तक दिया जा सकता है। मांग में कमी को देखते हुए शासन ने भी दुकानों का राशन आवंटन कम कर दिया है।
श्योपुर के जिला आपूर्ति अधिकारी एनएस चौहान ने बताया कि फंगर प्रिंट से राशन वितरण अनिवार्य हुआ तो हर दुकान पर सैकड़ों राशनकार्ड से गेहूं-चावल लेना बंद हो गया। सितंबर की तुलना में फरवरी में 10.50 लाख किलो गेहूं का आवंटन कम करना पड़ा है।
मप्र के खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि हम राशन वितरण व्यवस्था को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने को प्रयासरत हैं। हमारा उद्देश्य असल गरीबों को लाभ देने का है। बीपीएल सर्वे पूरा होने के बाद इसमें और सुधार आएगा।