Popular Front of India: भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के मिशन पर PFI, अब मामले की जांच करेगी NIA
भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के मिशन पर काम करने वाले पीएफआइ का बिहार माड्यूल दो साल पहले ही ईडी के निशाने पर आ चुका था। ईडी ने इससे जुड़े ठिकानों पर छापा मारा और आरोपितों से पूछताछ भी की थी। लेकिन यह कार्रवाई इसके मंसूबे रोकने में नाकाम रही।
नई दिल्ली, नीलू रंजन। 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के मिशन पर काम करने वाले पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) का बिहार माड्यूल दो साल पहले ही ईडी के निशाने पर आ चुका था। ईडी ने इससे जुड़े ठिकानों पर छापा मारा था और आरोपितों से पूछताछ भी की थी। लेकिन, यह कार्रवाई इसके मंसूबे रोकने में नाकाम रही। पिछले दिनों फुलवारी शरीफ में मिले दस्तावेज से इस माड्यूल के खतरनाक मंसूबे फिर उजागर हो गए। पीएफआइ की फंडिग का पता करने के लिए ईडी ने पटना और दरंभगा समेत कई शहरों में छापा मारा था, जिसमें फुलवारी शरीफ भी शामिल था। इस मामले में ईडी ने सनाउल्लाह उर्फ आकिब से पूछताछ भी की थी। फुलवारी शरीफ के नए मामले में भी सनाउल्लाह आरोपित है।
एक अधिकारी ने कहा कि उस समय छापे में आरोपितों के पीएफआइ और एसडीपीआइ (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया) से जुड़े अहम दस्तावेज मिले थे। एसडीपीआइ असल में पीएफआइ का ही राजनीतिक फ्रंट है। पीएफआइ के खाते में जमा पैसे को जब्त भी किया गया था। नए तथ्य मिलने के बाद ईडी उसकी अलग से जांच कर सकती है।
बिहार पुलिस ने नहीं रखी नजर
ईडी की कार्रवाई के बाद भी बिहार पुलिस या अन्य एजेंसियों ने इस माड्यूल पर नजर नहीं रखी। इस माड्यूल के खतरनाक इरादे की भनक केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पटना दौरे के ठीक पहले मिली। केंद्रीय एजेंसियों के सतर्क करने के बाद ही पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ और अन्य स्थानों पर छापा मारा और मिले दस्तावेज से मिशन 2047 का पर्दाफाश हुआ।
इसके खतरनाक इरादे को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले की जांच एनआइए को सौंप दी, जिसने 22 जुलाई को नई एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी। एनआइए ने गुरवार को पटना, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा और नालंदा जिले में 10 स्थानों पर छापा भी मारा है।