अंतरराष्ट्रीय साख के लिए सुधरेगी दिल्ली समेत इन शहरों की आबोहवा
अक्टूबर में होने वाले इस अन्तर्राष्ट्रीय आयोजन में दुनिया भर के लोगों का जमावड़ा होगा। सरकार वैश्विक स्तर पर अपनी छवि को सुधारने के लिए इस मुहिम में जुटी है।
नई दिल्ली, अरविंद पांडेय। युवा फुटबाल वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा भारत राजधानी दिल्ली समेत देश के बड़े शहरों की सूरत संवारने में जुट गया है। अंतरराष्ट्रीय साख बनाने के लिए सरकार दिल्ली समेत अन्य सभी मैचों की मेजबानी करने वाले शहरों की आबोहवा को स्वच्छ बनाएगी। अक्टूबर में होने वाले इस अन्तर्राष्ट्रीय आयोजन से पहले पर्यावरण प्रदूषण की चुनौतियों से निपटने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
राजधानी दिल्ली को पड़ोसी राज्यों के धूल और धुएं से बचाने की तैयारियां जोरशोर से चल रही है। जिन शहरों में फुटबाल मैच होने है, खासकर उन शहरो को लक्षित कर तैयार योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इस बावत सभी शहरों के स्थानीय प्रशासन को सतर्क कर दिया है। इन शहरों में वातावरण की निगरानी करने के लिए यंत्र स्थापित किए जा रहे है। अकेले राजधानी दिल्ली में एक दर्जन से अधिक स्थलों पर निगरानी यंत्र लगाए जा रहे है, ताकि हवा की गुणवत्ता पर नजर रखी जा सके।
अक्टूबर में होने वाले इस अन्तर्राष्ट्रीय आयोजन में दुनिया भर के लोगों का जमावड़ा होगा। सरकार वैश्विक स्तर पर अपनी छवि को सुधारने के लिए इस मुहिम में जुटी है। फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप को लेकर देश में वैसे तो यह तैयारी काफी समय से चल रही है। लेकिन हाल ही में इस पूरी तैयारी में जुटे प्रबंधकों का ध्यान अक्टूबर महीने में पड़ रही दीपावली के त्योहार पर गया, तो सभी के होश उड़ गए। इस दौरान दिल्ली सहित देश के लगभग सभी बड़े शहरों में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा रहता है। कई इलाकों में तो खतरनाक स्थिति तक भी पहुंच जाता है। ऐसे में आयोजन के दौरान दिल्ली सहित देश के दूसरे बड़े शहरों की ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए केंद्र सरकार और पर्यावरण मंत्रालय ने मुहिम तेज की है।
यह भी उठाए जा रहे है कदम
दिल्ली सहित देश के तमाम बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की तैयारी, ताकि प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। इसके अलावा खेतों में पराली को जलाने से रोकने के लिए एक मजबूत मॉनिटरिंग सिस्टम खड़ा किया जा रहा है, जिसके लिए सैटेलाइट की भी मदद लेनी की तैयारी है। यानि किसी भी क्षेत्र में यदि खेतों से धुंआ उठेगा, तो तुरंत इसकी जानकारी संबंधित जिला प्रशासन को मिल जाएगी।