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दिवाली पर प्रदूषण तो बढ़ा लेकिन पिछली बार से कुछ कम

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष दिवाली पर दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि वह ये देखना चाहता है कि इसका प्रदूषण पर क्या असर पड़ता है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Fri, 05 Jan 2018 09:46 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jan 2018 09:46 PM (IST)
दिवाली पर प्रदूषण तो बढ़ा लेकिन पिछली बार से कुछ कम
दिवाली पर प्रदूषण तो बढ़ा लेकिन पिछली बार से कुछ कम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिवाली में प्रदूषण तो इस बार भी बढ़ा लेकिन पिछले साल की तुलना में कुछ कम बढ़ा। ये बात सीपीसीबी की ओर से दीपावली में दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर लगी रोक के प्रदूषण पर पड़ने वाले असर के बारे में दाखिल रिपोर्ट से पता चलती है। रिपोर्ट बताती है कि 2016 की तुलना में 2.5 पीएम में 39 फीसद की कमी दर्ज की गई। रिपोर्ट में पटाखों से सेहत पर पड़ने वाले असर को बताते हुए कहा गया है कि दशहरा और दिवाली के पहले और बाद में सांस से संबंधित दिक्कतों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं दिखा। वैसे दिवाली के खांसी जुकाम और सांस लेने में दिक्कत के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई लेकिन वो किसी ऐसी गंभीर बीमारी में तब्दील नहीं हुई जिसके लिए तत्काल इलाज की जरूरत पड़ती।

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मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष दिवाली पर दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि वह ये देखना चाहता है कि इसका प्रदूषण पर क्या असर पड़ता है। कोर्ट ने सीपीसीबी और सरकार से दशहरा और दिवाली के बाद पटाखों से होने वाले प्रदूषण के स्तर और उसके सेहत पर पड़ने वाले असर पर रिपोर्ट मांगी थी। सीपीसीबी के ओर से शुक्रवार को कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की गई। इससे पहले सुबह कोर्ट ने सीपीसीबी को रिपोर्ट दाखिल करने का समय देते हुए सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ में हाईकोर्ट द्वारा पटाखों पर पूरी तरह लगाई गई रोक के मामले में दखल देने से इन्कार कर दिया और हाईकोर्ट को मामले का जल्द निपटारा करने को कहा है।

इसके बाद दिन में सीपीसीबी ने कोर्ट में हलफनामे के साथ रिपोर्ट दाखिल की। हलफनामें में रिपोर्ट के दिए गए सारांश में सीपीसीबी ने कहा है कि दिवाली के दौरान पीएम 10 और पीएम 2.5 में सामान्य दिनों की अपेक्षा बढ़ोत्तरी हुई लेकिन 2016 की तुलना में 2017 में दिवाली के अगले दिन पीएम 2.5 में 39 फीसद की कमी देखी गई। पिछले वर्ष की तुलना में सल्फर में 20 और पोटेशियम में 30 फीसद की कमी दर्ज की गई। कई और तत्वों में 11 से 64 फीसद की कमी दर्ज की गई। हालांकि स्वास्थ्य पर इसके दीर्घगामी असर के बारे में बहुत बहुत कुछ कहना मुश्किल है इसके लिए लंबे समय तक अध्ययन की जरूरत है। हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्थिति के आकलन करने और अध्ययन के बारे में की गई बैठकों का भी ब्योरा दिया गया है।

दिल्ली के तीन नौनिहालों में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सेहत की दुहाई देते हुए पटाखों पर रोक लगाने की मांग की है। इसी मामले में सीपीसीबी ने ये ताजा हलफनामा और रिपोर्ट दाखिल की है।


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