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अमले के बिना राज्य कैसे लड़ेंगे प्रदूषण के खिलाफ जंग, राज्यों के रवैए से केंद्र चिंतित; 80 फीसदी पद खाली

वायु प्रदूषण पर राज्यों के ढुलमुल रवैए की केंद्र ने पोल खोल दी है। केंद्र ने कहा कि राज्यों में प्रदूषण बोर्ड के 80 फीसद तक पद खाली हैं। इस बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने खाली 193 पदों के लिए भर्ती निकाली।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaPublished: Wed, 08 Feb 2023 08:59 PM (IST)Updated: Wed, 08 Feb 2023 08:59 PM (IST)
अमले के बिना राज्य कैसे लड़ेंगे प्रदूषण के खिलाफ जंग, राज्यों के रवैए से केंद्र चिंतित; 80 फीसदी पद खाली
अमले के बिना राज्य कैसे लड़ेंगे प्रदूषण के खिलाफ जंग, राज्यों के रवैए से केंद्र चिंतित; 80 फीसदी पद खाली

नई दिल्ली, अरविंद पांडेय। देश में वायु प्रदूषण की स्थिति दिनों-दिन गंभीर रूप लेती जा रही है। बड़े शहरों के बाद अब छोटे-छोटे कस्बे भी इसकी गिरफ्त में आने लगे है। बावजूद इसके राज्य सरकारें व संबंधित एजेंसियां चुप्पी साधे बैठी है। वह न तो इससे निपटने के लिए केंद्र से मिलने वाली मदद का इस्तेमाल कर पा रही है और न ही खुद से इस दिशा में कुछ करते दिख रही है।

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सरकारों के लिए वायु प्रदूषण का विषय कोई चुनावी या वोट बैंक का मुद्दा नहीं रहा है। फिलहाल इस मुद्दे पर केंद्र ने राज्यों की पोल खोल है। साथ ही यह कहा है कि वह प्रदूषण के खिलाफ जंग कैसे लड़ेंगे जब उनके पास इससे लड़ने के लिए कोई अमला ही नहीं है। जिसमें दिल्ली, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों की स्थिति बेहद चिंताजनक बताई गई है।

80 फीसदी पद खाली

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने वायु प्रदूषण पर राज्यों की निष्क्रियता का खुलासा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी व पीसीसी) के खाली पड़े पदों के आधार पर की है, जहां करीब 80 फीसद तक पद खाली पड़े हैं। इनमें सबसे खराब स्थिति बिहार के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की है, जहां कुल स्वीकृत पद 264 है और उनमें से 206 पद खाली है।

दिल्ली में 344 में से 192 पद खाली

दिल्ली के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्थिति भी अच्छी नहीं है, जहां कुल स्वीकृत पद 344 है, जबकि इनमें से 192 पद खाली है। मध्य प्रदेश ने वैसे तो राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का काफी लंबा ढांचा बना रखा है। जिसके लिए 1228 पद स्वीकृत किए गए है, लेकिन इनमें से 781 पद खाली है। इसी तरह उत्तर प्रदेश में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में वैसे तो कुल स्वीकृत पद 732 है, लेकिन इनमें से 307 खाली पड़े है।

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खासबात यह है कि कई राज्यों में बोर्ड के गठन के बाद कभी भी इन सभी पदों को भरा ही नहीं गया। इस बीच राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में खाली पड़े पदों को लेकर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के कड़े रुख को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( CPCB) ने अपने यहां खाली पड़े करीब 193 पदों को भरने की तैयारी तेज कर दी है। इसके लिए विज्ञापन जारी कर दिया है।

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राज्यों के रवैए से केंद्र चिंतित

राज्यों के रवैए से केंद्र इसलिए भी चिंतित है, क्योंकि कई राज्य पैसा पाने के बाद भी इस दिशा में गंभीर नहीं है। राष्ट्रीय वायु स्वच्छ कार्यक्रम के तहत केंद्र ने वायु प्रदूषण से घिरे देश के 132 शहरों को करीब 2200 करोड़ रुपए दिए है, लेकिन इसके बाद भी पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के कई शहर अब तक अपना प्लान ही नहीं बना पाए है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक, 28 राज्यों और आठ संघ शासित प्रदेशों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में कुल स्वीकृत पदों की संख्या करीब 11,956 है, जबकि इनमें करीब 59 सौ पद खाली है।

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प्रमुख राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में स्वीकृत और खाली पदों की संख्या:-

राज्य स्वीकृत खाली
झारखंड 271 237
बिहार 264 206
मध्य प्रदेश 1228 781
उत्तर प्रदेश 732 307
दिल्ली 344 192
पश्चिम बंगाल 309 122
केरल 434 243
कर्नाटक 723 428
हरियाणा 448 304
आंध्र प्रदेश 289 182
राजस्थान 1140 537
पंजाब 650 298

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