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Palghar Mob Lynching: सियासी रंग लेने लगी पालघर मॉब लिंचिंग की घटना

पालघर के एक गांव में जूना अखाड़े के दो संन्यासियों सुशीलगिरि महाराज एवं चिकने कल्पवृक्षगिरि महाराज की हत्या पर सरकार को हर तरफ से आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 20 Apr 2020 09:28 PM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2020 09:28 PM (IST)
Palghar Mob Lynching: सियासी रंग लेने लगी पालघर मॉब लिंचिंग की घटना
Palghar Mob Lynching: सियासी रंग लेने लगी पालघर मॉब लिंचिंग की घटना

 राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नहीं चाहते कि कोरोना के इस संकट काल में कोई और घटना उनके लिए मुसीबत का कारण बने। इसके बावजूद मुंबई के पड़ोसी पालघर जनपद में दो संन्यासियों की बर्बर हत्या ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है।

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शुक्रवार की रात पालघर के एक गांव में जूना अखाड़े के दो संन्यासियों सुशीलगिरि महाराज एवं चिकने कल्पवृक्षगिरि महाराज की हत्या पर सरकार को हर तरफ से आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने इसे बर्बर घटना बताते हुए इसकी जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है। उन्होंने उन सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं अभिनेताओं पर भी निशाना साधा है, जो एक समुदाय विशेष से जुड़ी मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर मुखर हो उठते हैं। विहिप के ही महासचिव मिलिंद परांडे ने इस घटना को वामपंथी इतिहास से जोड़ते कहा कि वामपंथियों का इतिहास ही इस प्रकार की मॉब लिंचिंग का रहा है। उन्होंने कहा कि स्वामी लक्ष्मणानंद महाराज की हत्या को देश भूला नहीं है।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं त्रिपुरा के प्रभारी सुनील देवधर ने कहा है कि पालघर में जो पाप किया गया, वह चोर समझकर नहीं, बल्कि यह जानते हुए किया गया कि वह साधु हैं। देवधर के अनुसार पालघर क्षेत्र वषरें से वामपंथियों का गढ़ रहा है। इस क्षेत्र का विधायक भी सीपीआइ (एम) एवं एनसीपी गठबंधन का है। आदिवासी कभी किसी भगवाधारी पर इस तरह हमला नहीं कर सकते। इसलिए हमलावरों को आदिवासी न कहते हुए 'मा‌र्क्सवादी हत्यारे' कहना उचित होगा।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के अनुसार भी यह हत्या मा‌र्क्सवादी गुंडों का काम है। तभी पूरी लेफ्ट ब्रिगेड चुप है। कभी आम आदमी पार्टी से जुड़ी रहीं सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने कहा कि राज्य में राकांपा शासित गृहमंत्रालय में गुंडाराज चल रहा है।

यही राजनीतिक प्रहार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिंता में डाल रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात करते हुए आज उन्होंने इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने वालों पर कार्रवाई की भी मांग कर डाली। वामपंथी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का कहना है कि संबित पात्रा एवं सुनील देवधर जैसे लोग झूठ बोलकर मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि गढ़चिंचले गांव की सरपंच चित्रा चौधरी भाजपा की हैं, और इस घटना में भी कई भाजपा कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए हैं।


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